युवी जैसा बैट स्विंग आज भी किसी का नहीं, क्रिकेट हो या कैंसर युवी ने हर जगह विपक्षियों के छक्के छुड़ाये

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युवराज सिंह का नाम सुनते ही वर्ल्ड कप साथ सुनाई देता है। युवी वो है जिसे सबने पसंद किया। युवी मतलब क्लास इज़ पर्मानेंट। युवी मतलब 666 एंड इट्स बल्ले बल्ले बल्ले इंटु द क्राउड एंड देन थ्री मोर। युवी मतलब भारत को दो वर्ल्ड कप जीताने वाला। युवराज जिसने खेल के मैदान पर गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने के साथ साथ ज़िन्दगी में कैंसर के भी छह छक्के छुड़ाये।

बायें हाथ के बल्लेबाज युवराज ने 2000 में केन्या के ख़िलाफ़ अपना वनडे पदार्पण किया था और उसके तीन साल बाद टेस्ट में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ पदार्पण। युवराज को अपने पहले वनडे में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल पाया था लेकिन अगले ही मैच में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 80 गेंदों में 84 रन बनाये थे। मग्राथ, ब्रेट ली और गिलेस्पी जैसे आक्रमण के सामने पहली पारी में ऐसा आगाज ने बता दिया कि क्रिकेट में अब एक बॉस की एंट्री हो चुकी है।

युवराज को अपने पहले वनडे में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल पाया था लेकिन अगले ही मैच में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 80 गेंदों में 84 रन बनाये थे। मग्राथ, ब्रेट ली और गिलेस्पी जैसे आक्रमण के सामने पहली पारी में ऐसा आगाज ने बता दिया कि क्रिकेट में अब एक बॉस की एंट्री हो चुकी है।

युवराज यूँ तो बायें के हाथ के अच्छे गेंदबाज भी हैं लेकिन जो चीज़ उनकी आकर्षित करती है। उसमें पहला उनका बैट स्विंग और दूसरा पॉइंट पर क्षेत्ररक्षण। युवी के पास नैसर्गिक स्विंग है जो ड्राइव से लेकर उनके हर छक्के को आकर्षक बनाता है और इसलिए युवी अपने पूरे फॉर्म में किसी से भी ज़्यादा आकर्षक और खतरनाक हैं।

यही कारण था कि स्टुअर्ट ब्रॉड से बेहतरीन तेज गेंदबाज को भी उनसे छः छक्के खाने पड़े थे। युवराज की ज़िंदगी का सबसे कठिन समय था वर्ल्डकप 2011। युवराज इस वर्ल्डकप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे लेकिन यह सफ़र इतना आसान नहीं रहा था। युवराज को शुरुआती मुकाबले में ही खून की उल्टियाँ होती थी लेकिन उन्होंने खुद को फाइनल तक खींचा और बेहतरीन प्रदर्शन भी किया। बाद में पता चला वो कैंसर थे। युवराज ने कैंसर से मजबूती से लड़ा और ज़िन्दगी के मैदान पर विपक्षी के तरह उसे भी हराया।

वापसी के बाद हालांकि युवराज वो पहले वाले नहीं रहे लेकिन कई मौकों पर उन्होंने बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसलिये उन्हें मौके मिलते रहे लेकिन निरंतरता के चलते वो टीम से अंदर बाहर होते रहे। युवी ने कहा है कि वो 2019 वर्ल्डकप खेलने के लिये अपना जी जान लगा देंगे। हम भी चाहते हैं बर्थडे बॉय टीम में वापसी करें और एक बार फ़िर भारत को वर्ल्डकप दिलायें। भारतीय टीम के दिलेर बल्लेबाज युवराज सिंह को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

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