पितृ पक्ष चल रहा है और गयाजी में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु पिंडदान के लिए आते हैं. दसवीं तिथि को यूक्रेन और रूस के युद्ध में मारे गये लोगो के आत्मा की शांति के लिए यूक्रेन से आई यूलिया ने पिंडदान किया. पिंडदान के दौरान यूलिया भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए भारतीय परिधान का धारण की हुई थी. यूलिया के अलावे और भी 36 लोग यूक्रेन और रूस से गयाजी आये हैं ,जो अगले दिन अपने पूर्वजों का पिंडदान करेंगे.
दूसरी बार गयाजी आई है यूलिया
बता दें कि यूलिया दूसरी बार गयाजी आई है, इससे पहले अपने माता पिता और पूर्वजों का पिंडदान की थी. कहा जा रहा है कि यूलिया की माता ने आत्महत्या कि थी जबकि पिता की मौत कैंसर से हुई थी. कोरोना काल से पूर्व यूलिया गयाजी आई थी और अपने पितरों का पिंडदान किया था. लेकिन इस बार यूक्रेन और रूस के युद्ध में मारे गये सैनिक और आमलोगों के आत्मा की शांति के लिए गया फल्गू तट पर पिंडदान कर रहीं है.
यूलिया यूक्रेन से आई हैं गया
यूलिया एक दिवसीय पिंडदान कर रही हैं. यहां से पिंडदान करने के बाद तुरंत अपने देश यूक्रेन वापस लौट जाएगी. लोकल 18 से बात करते हुए यूलिया बताती हैं कि गया जी में आकर काफी शांति मिल रही है. युद्ध में मारे गये लोग तथा अपने पूर्वजों का पिंडदान कर रही हैं. वहीं यूलिया को पिंडदान करा रहे पंडित लोकनाथ गौड दास यूक्रेन और रूस में हिन्दू जागृति का काम भी करते हैं.