बिहार के पूर्णिया जिला में कई दार्शनिक स्थल ऐसे हैं, जिनके रहस्यों के बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे. पूर्णिया जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर बनमनखी प्रखंड के धरहरा गांव में स्थित हैं. वही के स्थानीय ग्रामीण और मंदिर कमेटी के सदस्य हेमंत कुमार जायसवाल, अशोक कुमार मेहता, मोहम्मद शेख, परदेसी, पवन कुमार, राजेश कुमार, दिलीप कुमार, सुनील सम्राट ने बताया कि यह मंदिर पूर्णिया का इतिहास है. वही लोगों ने बताया कि पूर्णिया के धरोहर में एक नरसिंह अवतार भक्त प्रह्लाद मंदिर हैं. इस मंदिर में भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार होकर प्रकट होने की निशानियां आज भी मौजूद हैं. वहीं लोगों का कहना है कि भगवान विष्णु अपने भक्त प्रहलाद को हिरणकश्यप जैसे दैत्यों से बचाने के लिए इसी खंभे को फाड़कर नरसिंह अवतार लिया था और हिरणकश्यप नामक दैत्य का वध किया था.
लोगों का मानना है की ये पत्थर आज भी है जिंदा
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रहलाद स्तंभ के नाम से इस खंबा को लोग जानते हैं. वहीं लोगों का मानना है कि यह पत्थर आज भी जिंदा है. कई लोगों ने कहा कि इस पत्थर में पहले बड़ा सा सुराग हुआ करता था, जब इसमें कोई भी पत्थर का टुकड़ा गिरता था, तो पाताल लोक तक आवाज जाती थी. लोग उनको आसानी से सुन पाते थे, लेकिन समय बिता गया और लोग पत्थर डालते-डालते उस सुराग को बंद कर दिया. वहीं मौजूद लोगों ने कहा कि यह पत्थर पहले बहुत ही पतला था और छोटा था, लेकिन यह पत्थर अभी जिंदा है. जिस कारण यह पत्थर आज भी बढ़ता है.
वहीं स्थानीय लोगों ने बताया की होली के समय में इस मंदिर प्रांगण में भव्य होलिका दहन होता है. जिसको देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. होलिका दहन के वक्त, यहां का माहौल पूरी तरह भक्ति भाव से ग्रस्त रहता है. वहीं लोगों ने कहा इस मंदिर में शादी-विवाह सबसे ज्यादा होते है.