थानेश्वर स्थान मंदिर।
इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग में माता पार्वती भी साथ-साथ विराजमान है। यह मंदिर लोगों के मनोकाना पूर्ण होने लिए चर्चाओं में रहा है, कहते हैं यहां माथा टेकने वालों की हर मुरादें पूरी होती है।
वर्ष 1901 में यहां एक विशाल पीपल का वृक्ष सूखने के बाद शिवलिंग प्रकट हुए थे। उसके बाद लोगों ने पूजा अर्चना शुरू कर दी। पूर्व मंत्री सह गवर्नर सत्यनारायण ¨सह ने मन्नतें मांगी थी कि वे चुनाव जीत जाएंगे तो यहां मंदिर बनवाएंगे। चुनाव जीतने के बाद 1952 में मंदिर बनाने के लिए भिक्षाटन शुरू किए थे।
भिक्षाटन करते देख बिरला के मैनेजर ने उनके हाथ कटोरा ले लिया तथा कहा कि यह काम मेरे जिम्मे दे दीजिए। उसके बाद बिरला के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया। इस मंदिर के पास थाना होने तथा सिपाहियों द्वारा लगातार पूजा अर्चना किए जाने के कारण मंदिर का नाम थानेश्वर स्थान पड़ा था।
समस्तीपुर बस स्टैंड के बिल्कुल सामने होने के कारण यहां पहुंचने में बस यात्रियों को कोई परेशानी ही नहीं है।