बिहार के इस मिनी दार्जिलिंग में दुर्गा पूजा काफी भव्य होती है. पूर्णिया के भट्ठा कालीबाड़ी चौक पर माता की काफी पुराना मंदिर है. दुर्गा पूजा में यह मिनी कोलकाता बन जाता है. ऐसा मंदिर है जहां मिथिलांचल के मुताबिक नहीं बल्कि बंगाली पद्धति से पूजा पाठ की जाती है. यह मंदिर पूर्णिया के भट्ठा बाजार के दुर्गाबाड़ी में स्थित है. वहीं जानकारी देते हुए भट्ठा दुर्गाबाड़ी मंदिर कमेटी के सदस्य गौतम भौमिक, मनोहर दास और अन्य लोगों ने कहा यह मंदिर 108 साल पुराना है. लोगों ने कहा या मंदिर में निश्चित रूप से आने वाले लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है.

दुर्गाबाड़ी मंदिर कमेटी के सदस्य गौतम भौमिक, मनोहर दास ने कहा कि इस मंदिर में माता काली की मूर्ति है. यह काफी पुरानी है. यहां पर पूर्णिया के बंगाली समाज के साथ अन्य समाज के लोग पूजा करने आते हैं. पूजा पद्धति से लेकर पुजारी भी बंगाल के हैं. दुर्गा में यह मिनी कोलकाता लगता है. यहां हर साल भव्य पूजा होती
हर साल बनाया जाता आकर्षक पंडाल
वही, मंदिर कमेटी के सदस्य गौतम भौमिक ने कहा कि इस मंदिर में पिछले कई साल से नवरात्रि पूजा के मौके पर अलग-अलग मंदिर और कई आकर्षक थीम पर पंडाल बनाए जाते हैं. जिसकी कीमत की बात अगर करें तो इस बार लगभग 14 लाख की लागत से इस पंडाल को बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस बार नॉर्थ बिहार के एक मंदिर के भव्यता को देख इस तरह इस भट्ठाबाजार के दुर्गाबाड़ी मंदिर प्रांगण में भी पंडाल को बनाया जा रहा है. उन्होंने क्या किया पंडाल लगभग 35 दिनों से लगभग 25 मजदूरों के द्वारा पंडाल बनाने का काम किया जा रहा है.