वेस्ट यूपी को रफ्तार देने वाली रैपिड रेल का पहला फेज 2023 तक शुरू होने की उम्मीद

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नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में आने वाला यूपी का क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में तेजी से विकसित होने वाला है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए बड़ा ऐलान किया है. मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना इस इलाके के लिए बड़ी सौगात बनेगी. केंद्र और प्रदेश सरकार के ज्वाइंट वेंचर में बन रही इस 82 किमी लंबी परियोजना का करीब 68 किमी का हिस्सा यूपी में है. योगी सरकार ने अपने बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए 1326 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर के पहले चरण की शुरुआत 2023 में प्रस्तावित है. वहीं, पूरे कॉरिडोर को जनता के लिए 2025 से खोलने का लक्ष्य रखा गया है.

सांकेतिक तस्वीर
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साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी का प्राथमिक खंड 2023 तक और 2025 तक दिल्ली से मेरठ तक पूरा कॉरिडोर के शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस परियोजना की कुल लागत 30,274 करोड़ रुपये है. इसमें यूपी सरकार का करीब 17 फीसदी अंशदान है.

साहिबाबाद से शताब्दी नगर (मेरठ) के बीच लगभग 50 किमी लंबे खंड पर सिविल निर्माण कार्य जारी है. रैपिड ट्रांजिट सिस्टम गलियारे को 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार स्तर पर तैयार किया जा रहा है. इसमें हर पांच से 10 मिनट में रेल ट्रेन सर्विस मिलेगी. यह गलियारा दिल्ली के सराय काले खां से लेकर मेरठ स्थित मोदीपुरम तक बनाया जा रहा है.

बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट का पहला प्रोटोटाइप 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा. रीजनल रेल सेवाओं के संचालन के लिए 6 कोच के 30 ट्रेनों के सेट तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा मेरठ में स्थानीय परिवहन सेवाओं के लिए 3 कोच के 10 ट्रेन सेट खरीदे जाएंगे.

सांकेतिक तस्वीर
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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर में दो डिपो स्टेशनों सहित 24 स्टेशन होंगे. वहीं, मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना की कुल लंबाई 82.15 किमी है. सराय काले खां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मुरादनगर डिपो, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौराली मेट्रो, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम इस कॉरिडोर के लिए प्रस्तावित स्टेशन हैं.

आरआरटीएस के जीएम वीरेंद्र कुमार के अनुसार, यूपी सरकार की ओर से इस परियोजना के लिए पिछले साल करीब 650 करोड़ आवंटित किए गए थे. इसके अलावा करीब 20 सरकारी भूमि पर राज्य सरकार की ओर से कार्य करने की अनुमति दी जा चुकी है.

रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, अंतरराज्यीय बस टर्मिनस, दिल्ली मेट्रो स्टेशनों से भी जोड़ने की योजना है. पहले फेज में सभी 3 कॉरिडोर सराय काले खां में मिलेंगे और इंटरऑपरेबल होंगे. इससे यात्रियों को बिना ट्रेन बदले एक से दूसरे कॉरिडोर तक यात्रा करने की सुविधा मिलेगी. 82.15 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट का 68.03 किमी हिस्सा एलिवेटेड होगा, जबकि 14.12 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा.

 

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