सपने अगर ऊंचे हो तो आसमान को छूने से किसी को नहीं रोक जा सकता। फिर चाहे वो एक गरीब किसान के घर ही क्यों न जन्म लिया हो। तभी तो रोहतास के पड़रिया गांव के एक मध्यमवर्गीय किसान सत्येंद्र सिंह का बेटा विवेक एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बन बादलों के बीच उड़ान भरता है।
खुद खेत में हल चलाने वाले किसान सत्येंद्र सिंह कहते हैं – ‘जब भी किसी विमान को आसमान में उड़ता देखता हूं तो ऐसा लगता है कि मानो मेरा बेटा इस विमान को उड़ा रहा है।’

बचपन से ही मेधावी छात्र रहे विवेक की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई। उसके बाद विवेक का झुमरी तलैया के मशहूर सैनिक स्कूल में चयन हो गया। विवेक ने एनडीए की परीक्षा पास करके एयरफोर्स में 22 वां रैंक हासिल करने के बाद अब फ्लाइंग ऑफिसर बन गए।
पुणे से ट्रेनिंग पूरी करके विवेक अभी हैदराबाद में तैनात है। अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए विवेक कहते हैं कि माता-पिता के आशीर्वाद की ही बदौलत आज वो इतने ऊंचे मुकाम तक पहुंचे हैं।
विवेक के माता-पिता अपने बेटे के इस सफलता से खुशी से झूम उठते हैं। उन्हें गर्व होता है की उनका बेटा देश के लिए लड़ाकू विमान उड़ा रहा है।