गया के विष्णुपद मंदिर में आज भी हैं भगवान विष्णु के पांव के निशान हैं, पितृपक्ष पर दुनियाभर से यहाँ आते हैं लोग

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बिहार के राजधानी पटना से दक्षिण की ओर लगभग 100 की.मी. दूर गया में फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित विष्णुपद मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के पदचिन्हों पर किया गया है। यह मंदिर 30 मीटर ऊंचा है जिसमें आठ खंभे हैं। इन खंभों पर चांदी की परतें चढ़ाई हुई है।

मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के 40 सेंटीमीटर लंबे पांव के निशान हैं। इस मंदिर का 1787 में इंदौर की महारानी अहिल्या बाई ने नवीकरण करवाया था। पितृपक्ष के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है।

गया का उल्लेख महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। गया मौर्य काल में एक महत्वपूर्ण नगर था। खुदाई के दौरान सम्राट अशोक से संबंधित आदेश पत्र पाया गया है। मध्यकाल में यह शहर मुगल सम्राटों के अधीन था। मुगलकाल के पतन के उपरांत गया पर अनेक क्षेत्रीय राजाओं ने राज किया। 1787 में होल्कर वंश की साम्राज्ञी महारानी अहिल्याबाई ने विष्णुपद मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था।

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