दिवाली तो खुशियों का त्योहार होता है. इसमें दीप जलाकर लोग खुद के साथ दूसरों के जीवन को भी रोशन करते हैं. ऐसा ही कुछ गया में दिखा. जहां विदेश से आए श्रद्धालु ने दीये और कैंडल जलाकर प्रार्थना की. थाईलैंड से आए विदेशी पर्यटकों ने बोधगया के वटपा थाई मंदिर में लगभग 1 हजार दीपक और कैंडल जलाये और भारत, थाईलैंड में सुख समृद्धि कि कामना की. साथ ही उन्होंने बहुत ही खूबसूरत मैसेज भी दिया.
वैसे तो गया के बोधगया को गौतम बुद्ध की नगरी कहा जाता है और यहां देश विदेश के बौद्ध पर्यटक शांति की तलाश में आते हैं. इन सब के बीच भारतीय संस्कृति और पर्व-त्योहार भी उन्हें खास आकर्षित करता है. विदेशी पर्यटकों के बोधगया प्रवास के दौरान अगर कोई पर्व-त्योहार हो तो वे भी उसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराने से पीछे नहीं रहते हैं. इस बार दिवाली के त्योहार को थाइलैंड के दर्जनों बौद्ध श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ मनाया और विश्व शांति कि कामना की.
लगभग 1 हजार दीपक और कैंडल जलाए
थाईलैंड से आए विदेशी पर्यटकों ने बोधगया के वटपा थाई मंदिर में लगभग 1 हजार दीपक और कैंडल जलाए. साथ ही भारत और थाईलैंड के लिए सुख और समृद्धि की कामना की. विदेशी सैलानियों ने कहा कि दिवाली दीपों का त्योहार है. इसे देखकर काफी अच्छा लगा. तेल का दीपक जलाकर विदेशी पर्यटकों ने खुशी व्यक्त की और एक-दूसरे को दिवाली का बधाई भी दी. बता दें कि बोधगया में दिवाली या अन्य त्योहारों को विदेशी पर्यटक बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और हर त्योहार में शरीक होते हैं.
बोधगया में पर्यटन सीजन शुरू
गौरतलब है कि थाइलैंड से पर्यटक इसी महीने बोधगया पहुंचे हैं. प्रवास के दौरान वे लोग विभिन्न बौद्ध पूजा में शामिल होंगे. बोधगया में पर्यटन सीजन शुरू हो गया है. कई देशों के पर्यटक और बौद्ध श्रद्धालु गया पहुंचने लगे हैं. फरवरी महीने तक बोधगया में विभिन्न पूजा का आयोजन होगा. जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस दौरान बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा भी हर वर्ष गया आते हैं. इनकी पूजा में राज्य के मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं.