दशहरा के समय ही रावण वध जैसा कार्यक्रम किया जाता है. इसे सनातनियों के द्वारा बुराई पर सत्य की विजय का प्रतीक मानकर इस त्यौहार को मनाया जाता है. बताया जाता है कि इस दिन ही प्रभु श्रीराम के द्वारा रावण का वध किया गया था. मां दुर्गे के द्वारा महिषासुर का भी वध किया गया था, इसलिए विजय दिवस इस दिन मनाया जाता है. लोग शास्त्र और शास्त्र दोनों पूजा इस दिन करते हैं. इस पर विशेष जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य डॉ. धीरज कुमार झा बताते हैं कि इस बार विजयदशमी का जो मुहूर्त है, वह बहुत ही उत्तम और शुभ मुहूर्त है.

23 अक्टूबर को दशमी तिथि का यह है शुभ मुहूर्त
सोमवार दिन 23 अक्टूबर को दशमी तिथि दिन के 3:20 पर प्रारंभ होगी. वह अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को प्रातः कालीन से सूर्योदय के समय से ही चलते रहेंगे जो दिन के 1:00 बजे तक है. कोई भी पर्व उदया तिथि के अनुसार होती है. इसिलए 24 अक्टूबर को ही विजयादशमी मनाई जाएगी. विजयदशमी विजय का प्रतीक है. इस दिन भगवान राम भी दशानंद रावण पर विजय प्राप्त करके विजय पताका लहराए थे.
10 गोला बनाकर उसका लगाएं चंदन
मां दुर्गा भी महिषासुर का वध करके विजय पताका लहराई थी. यह दिन बहुत ही उत्तम दिन है. विजय का दिन है. इस दिन हम लोग शस्त्र पूजा और शस्त्र पूजा करते हैं. अपने-अपने अंदर विजय गर्व महसूस करते हैं. खासकर इस दिन गाय के गोबर का 10 गोला बनाकर उसको चंदन लगाकर रावण के 10 बुराइयों का नाश करने के लिए जला दिया जाता है.