पटना : आज विजया दशमी है। विजयादशमी को शस्त्र शास्त्र की पूजा होती है। साथ ही जयंती धारण, अभिषेक ग्रहण नीलकंठ पक्षी का दर्शन होगा।
इसके बाद रात से देवी प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार विदाई से पहले माता के चरणों में अक्षत छोड़कर प्रतिमा को हिला देना चाहिए। फिर यह मंत्र, गच्छ गच्छ सुर क्षेष्ठे स्वास्थाने परमेश्वरी मम् पूजांम गृहत्ये मम् पुनरागमनाय:।
मतलब यह कि मेरी यह पूजा ग्रहण कर ले माता आप जा रही है फिर आने के लिए। फिर आइएगा इस भक्त के बुलावे पर। फिर जयंती काली, भद्र काली, कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धातृ स्वाहा.. स्वधा नमस्तुते… इस मंत्र के साथ जयंती धारण किया जाता है और जयंती का विसर्जन भी किया जाता है। नवरात्र व्रत रखने वाले भक्त शनिवार को पारण करेंगे।