बक्सर के लाला टोली स्थित राज-राजेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी बगलामुखी देवी के वार्षिकोत्सव पर बुधवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पूरे नगर में भक्ति का माहौल कायम हुआ।
वार्षिकोत्सव पर राज-राजेश्वरी मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया। वैदिक पंडितों द्वारा किए जा रहे देवी मंत्रोच्चार से पूरा नगर गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने आस्था और विश्वास का केंद्र राज राजेश्वरी भगवती माई की पूजा-अर्चना और दर्शन की।
दशकों पूर्व से त्रिपुर सुंदरी देवी की वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष श्रावण मास के चतुर्दशी तिथि को भक्तिपूर्ण माहौल में पुरानी परंपरा के अनुसार की जाती है।
400 साल पहले हुई थी स्थापना
जाने माने तांत्रिक पं. भवानी मिश्र द्वारा लगभग 400 वर्ष पूर्व इस मंदिर की स्थापना की गई थी। तब से आज तक इस मंदिर में उन्हीं के परिवार के सदस्य पुजारी की भूमिका निभाते हैं।
मंदिर के पुजारी पं. किरण मिश्रा ने बताया कि पूर्णतः तांत्रिक इस मंदिर में कलश स्थापना नहीं की जाती है। बल्कि तंत्र साधना से ही यहां भगवती माता की प्राण-प्रतिष्ठा की गई है।
श्रद्धालु भक्तजन यहां पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं। यहीं नहीं इस मंदिर में सूखे मेवे का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है।
तंत्र साधना के लिए प्रख्यात हैं मंदिर
तंत्र साधना के लिए प्रख्यात इस राज-राजेश्वरी मंदिर में साधकों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। डुमरांव नगर के लाला टोली रोड़ स्थित महामाया, महाविद्या, दक्षिणेश्वरी, राज राजेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी एवं मां भगवती मंदिर श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था जुड़ी है।
मंदिर में सुबह-शाम पूजा व आरती के साथ ही देर रात तक तंत्र विद्या की सिद्धि के लिए इस मंदिर में साधक अपनी साधना में लीन रहते है। ऐसा मानना है कि इस मंदिर में साधकों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।