बिहारके पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि गंगा नदी पर चाहे जितने भी पुलों का निर्माण हो जाए परंतु महात्मा गांधी सेतु का कोई विकल्प नहीं बन सकता है। सरकार इस पुल के समानांतर एक और पुल बनाएगी। केंद्र सरकार से मिलने वाले सवा सौ करोड़ की राशि में से 54,700 करोड़ की राशि से इस पुल का निर्माण कराया जाएगा।
पश्चिम की ओर बनने वाले इस पुल निर्माण की स्वीकृति भी मिल गई है। 2018 के दिसम्बर तक गांधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर बदलने का काम पूरा कर लिया जाएगा। वे शनिवार को विभागीय अधिकारियों की टीम के साथ महात्मा गांधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पटना के बिहटा के पास बनने वाले रिंग रोड से 2018 तक गंगा नदी पर निर्माणाधीन कच्ची दरगाह – बिदुपुर सिक्स लेन पुल से जुड़ जाएगा। इससे जुड़ने के बाद यातायात बिल्कुल सुगम हो जाएगी और वैशाली राजधानी पटना का पार्ट बन जाएगा।
इतना ही नहीं दीघा सोनपुर रेल सह सड़क पुल के पास गंगा नदी पर अगले पांच वर्षों में सरकार एक और पुल का निर्माण कराएगी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार काफी दिनों पहले ही पुल के स्ट्रक्चर बदलने का काम शुरू किया जाना चाहिए था। 1982 में शुरू हुए इस पुल का 1991 से ही स्थिति बिगड़ने लगी थी।
विशेषज्ञों सुपर स्ट्रक्चर बदलने की जरूरत थी। केंद्र सरकार के सहयोग नहीं मिलने के कारण एक साथ सुपर स्ट्रक्चर बदलने का काम शुरू नहीं कराया जा सका था। इस बार केंद्र की सरकार ने पैकेज दिया और इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर बदलने का काम शुरू हुआ।