जन सुराज पदयात्रा के 223वें दिन की शुरुआत मोरवा प्रखंड अंतर्गत लरुआ पंचायत से सर्वधर्म प्रार्थना से हुई, उसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय पत्रकारों के साथ संवाद किया।
पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली होते समस्तीपुर पहुंची है। यहां 20-25 दिनों तक पदयात्रा चलेगी। अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से होकर यह गुजरेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार का अपना ठिकाना है नहीं और देश में घूम रहे हैं। नेताओं के साथ चाय पीने और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से कुछ नहीं होने वाला है।
प्रेस वार्ता करने से विपक्षी एकता अगर होनी होती तो आज से 10 साल पहले ऐसा हो गया होता। नेताओं के आपस में मिलने से विपक्षी एकता नहीं हो सकती।
नीतीश कुमार जिस विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, वो बिहार में सीटों का ही फार्मूला जारी कर दें कि बिहार में जदयू, कांग्रेस, आरजेडी और उनके अन्य जो सहयोगी दल हैं, वे कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि क्या नीतीश कुमार अपनी सीट छोड़कर माले को देंगे।
माले की जीत का औसत नीतीश कुमार से ज्यादा रहा है। जदयू 110 सीटों पर लड़ कर 42 सीट पर जीती जबकि माले ने 17 सीटों से लड़कर 12 सीटों पर जीत हासिल की।
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनके बाबूजी का राजतंत्र है, जो एक साइन करके 10 लाख नौकरी दे देंगे? तेजस्वी को किसी विषय का कोई ज्ञान ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीपीएससी के काम करने का जो तरीका है, उसके अनुसार दस हजार से अधिक को सालभर में नौकरी दी ही नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार में दो लाख शिक्षकों की बहाली करने में कम से कम पांच साल लगेंगे।
भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में एक भी नेता नहीं है, जो पांच वोट भी दिला सकते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरा, हिन्दुत्व, मंदिर और हिन्दू-मुसलमान के नाम पर भाजपा को वोट मिलता है। भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को राज्य की कमान सौंपा है,जो दूसरे दल से आया है।