एक ऐसी ट्रेन जो रोज बादलों को चीरते हुए निकली है…आप सोचने लगे होंगे ये कैसा मजाक है। लेकिन जनाब ये सच है। इस ट्रेन को ट्रेन टू द क्लाउड नाम से भी जाना जाता है।
एंडीज पर्वत श्रृंखलाओं के बीच गुजरती ट्रेन को ट्रेन टू द क्लाउड यानि ट्रेन जो बादलों की ओर जा रही है कहा जाता है। यह रेलवे लाइन दुनिया के सबसे ऊंचे रेल रूटों में से एक है।
जब ये ट्रेन गुजरती है तो लाइन को दोनों तरह बादल ही बादल नजर आते है। कई बार ऐसा लगता है कि ट्रेन बादलों के ऊपर से गुजर रही है। इस रेल रूट की शुरुआत अर्जेंटीना की सिटी ऑफ साल्टा से होती है।
इसकी ऊंचाई 1,187 मीटर है। यह रेलमार्ग वैली डी लेर्मा से गुजरते हुए क्वेब्रेडा डेल टोरो से ला पोल्वोरिला वियाडक्ट पर खत्म होता है।
ट्रेन 16 घंटे के सफर में 217 किमी की यात्रा करती है।
जिसमें 3000 मीटर की चढ़ाई भी चढ़ती है। इस मार्ग में ट्रेन 29 पुल और 21 टनल को क्रॉस करती है।
इस रेलमार्ग का निर्माण 1920 में हुआ था। इस प्रोजेक्ट के हेड अमेरिकी इंजीनियर रिचर्ड फोन्टेन मरे थे।