पटना के ट्रैफिक एसपी पीके दास अपनी पहली कार के प्यार में ऐसे पड़े कि उसे पूरे जीवन अपने साथ रखने की ठान ली। साल 1992 की उनकी विंटेज कार फिएट पद्मिनी को उन्होंने 2014 तक चलाया।
कार दिनों दिन खराब होती चली गई तो उन्होंने इसे स्क्रैप करने के बजाए इसका सोफा बनवा लिया। इन दिनों पीके दास और पद्मिनी के प्यार के चर्चे हर किसी की जुबान पर है। उन्होंने अपने पहले प्यार की कहानी साझा की।
एक लाख रुपए में खरीदी थी ये कार
– शादी के बाद पीके दास की जॉब लगी थी। वे अपनी वाइफ को कार में घुमाना चाहते थे।
– उस समय फिएट पद्मिनी लॉन्च हई थी। इस कार को मुंबई में रहने वाले एक दोस्त ने खरीदा था।
– किसी कारण के चलते वो दोस्त इस नई कार को बेचना चाह रहा था। फिर दास ने इसे खरीदने की सोची।
– उन्होंने बताया कि पत्नी को कार में घुमाने के शौक के चलते इस कार को एक लाख रुपए में खरीद लिया।
मैकेनिक ने कहा कबाड़ में बेच दो, बेटे का आइडिया काम आया
– दास बताते हैं कि कार धीरे-धीरे पुरानी हो रही थी, मैकेनिक के पास चक्कर भी ज्यादा लगने लगा था।
– एक दिन कार मैकेनिक ने इसे ठीक करने से इनकार कर दिया। कचरे वाले इसे 10 हजार देकर खरीदना चाह रहे थे।
– लेकिन पहली कार और पत्नी से यादें जुड़ी होने के चलते दास ने इसे बेचने से इनकार कर दिया।
– कुछ दिन ये कार ऐसे ही घर के बाहर पड़ी रही। एक दिन उनके बेटे ने इसे सोफे में बदलने का आइडिया दिया।
– फिर उन्होंने 1992 में खरीदी गई इस कार को सोफा बना दिया। इसे बनाने में तकरीबन 50 हजार खर्च हो गए।
कैसे बनाया कार को सोफा
– दास ने बताया कि इसके बोनट और डिक्की को काटकर अलग कर दिया।
– डिक्की में पहले से जगह थी, बोनट में से इंजन निकलवा दिया। खाली जगह में गद्दा और लेदर लगवाया।
– फिर इसे स्टाइलिश दिखने के लिए इसके लाइट को चेंज किया। उन्होंने बताया कि पुरानी होने के चलते इसकी लाइटें मिलनी मुश्किल थी।
– उन्होंने मुंबई और दिल्ली के चोर बाजार तक इसकी लाइटें ढूंढी लेकिन सक्सेस नहीं मिली। आखिरकार ये पटना में एक कबाड़खाने में मिली।