संस्कृती और विरासत को जानना है तो सैर करें बिहार के खास संग्रहालयों की!

कही-सुनी

जब भारत के प्रागैतिहासिक समय की बात आती है, बिहार का उल्लेख अवश्य होता है। दुनिया में सबसे पुरानी जीवित जगहों में से एक होने के नाते, बिहार कई प्राचीन इमारतों और स्मारकों का घर है, जो हजारों साल पुरानी है। पूर्वी भारत में स्थित बिहार अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए भी जाना जाता है। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं, और प्राचीन समय के अमूल्य चीजों के बारे में जानकारी चाहते हैं,तो आपको बिहार स्थित खास संग्रहालयों की यात्रा करनी चाहिए , जहां आप प्रागैतिहासिक युग के बारे में और बहुत कुछ सीख सकते हैं। तो क्यों ना इन छुट्टियों बिहार की समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विरासत के बारे में जाना जाये?

बिहार संग्रहालय

बिहार की राजधानी पटना में स्थित बिहार संग्रहालय की स्थापना वर्ष 2015 में सम्पन्न हुई है, जोकि बच्चों के बीच खासा लोकप्रिय है। बिहार संग्रहालय के संग्रहों में शामिल वस्तु (पत्थर एवं ताम्र मूर्तियां,लघुचित्र तथा थंग्कास), प्रागैतिहासिक वस्तुएं, मानवविज्ञान संबंधित कलाकृतियां तथा सामाजिक इतिहास से जुड़ीं वस्तुएं हैं। बिहार संग्रहालय में प्रमुख दीर्घाओं में ओरिएंटेशन गैलरी, बच्चों गैलरी, इतिहास गैलरी और क्षेत्रीय गैलरी शामिल हैं। एक तरफ, आप ऐतिहासिक अवशेष पा सकते हैं और दूसरी तरफ, आप बिहार की प्राचीन कला को देख सकते हैं।

 

इंदिरा गांधी तारामंडल

राजधानी पटना में स्थित इंदिरा गांधी तारामंडलहर साल लाखों आगंतुकों को आकर्षित करता है। यह इंदिरा गांधी विज्ञान परिसर के भीतर स्थित है और इसे 1993 में बनाया गया था। इस आश्चर्यजनक तारामंडल की प्रमुख विशेषता यह है कि यह आधुनिक-आधुनिक प्रोजेक्टर का उपयोग करने के बजाय फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए ऑप्टमैक्निकल प्रक्षेपण की परंपरागत प्रक्रिया का उपयोग करता है। आप इस तारा मंडल में कई फिल्मों खगोल विज्ञान पर कई फिल्में देख सकते हैं और उसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं।

पटना संग्रहालय

स्थानीय लोगों द्वारा प्यार से जादूघर कहलाने वाला पाटलिपुत्र संग्रहालय एक राज्य संग्रहालय है। संग्रहालय में प्रदर्षित कुछ बेशकीमती वस्तुओं में गौतम बुद्ध के अवशेष, 200 मिलियन साल पुराना पेड़ और दीदारगंज याक्षी की मूर्तियाँ हैं। यह संग्र्रहालय अपनेआप में अनुभव और पटना के अतीत को बयान करने वाला है। यहां आने वाले पर्यटक यहां पेड़ के 200 मिलियन वर्षीय जीवाश्म की सुंदरता भी देख सकते हैं जो पटना संग्रहालय के अंदर मौजूद है। अगर आप गौतम बुद्ध की देवदगंज यक्षी मूर्ति के पवित्र राख से लेकर राज्य के कुछ अमूल्य संपत्ति देखना चाहते हैं, तो आपको पटना संग्रहालय की यात्रा जरुर करनी चाहिए।



जालान संग्रहालय

जालान संग्रहालय भारत में कुछ निजी संग्रहालयों में से एक है, जिसका निर्माण वर्ष 1919 में हुआ था। इस म्यूजियम में 10,000 से अधिक वस्तुओं का एक विशाल संग्रह है,जिसमे चीनी मिट्टी के बरतन और कांच से पत्थर और टेराकोटा आदि शामिल हैं। किला हाउस के रूप प्रचलित यह म्यूजियम जालान परिवार का निजी निवास है, अगर आप यहां की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए करीबन 48 घंटे पहले अनुमति लेनी होगी। यह अंग्रेजी और डच शैली की वास्तुकला में बनाया गया है और इसलिए यह कई आर्किटेक्चर को अपनी ओर आकर्षित करता है। जालान संग्रहालय में अधिकांश वस्तुएँ आधुनिक युग की हैं और इसलिए, आप इसमें यूरोपीय कला वस्तुओं का एक अच्छा संग्रह भी देख सकते हैं।



श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र

श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र एक देखने योग्य स्थान है। फन साइंस गैलरी, पोपुलर साइंस गैलरी, विश्वरूपा, 3डी शो, महासागर, जुरासिक पार्क और इवोल्युशन यहाँ के कुछ बड़े आकर्षण हैं। विज्ञान को रोचक बनाने के लिए अनेक अद्भुत इंटरएक्टिव प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं और अनेक गैलरियों में प्रतिबिंब की अवधारणा, अवास्तविक चित्रण, 3डी चित्रण, मेडिकल चित्रण, रंगों की अवधारणा, डिजिटल और वर्चुअल चित्रण की विभिन्न मज़ेदार प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं।

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