रोजगार की तलाश में जहां गांव के लोग शहरों की तरफ भाग रहे हैं वहीं कुछ लोग है जो गांव में रहकर लाखों रुपये कमा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 28 किमी. दूर लंभुआ ब्लॉक के प्रतापपुर कमैचा गांव में लगी एक फैक्ट्री में टोमैटो और चिली सॉस बनाया जा रहा है।
इसी फैक्ट्री के युवा मालिक मालिक नागेंद्र कुमार यादव जहां साल के 25-30 लाख रुपये कमा रहे हैं। वहीं 3 दर्जन से ज्यादा महिलाओं को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार भी दिया है। वो सैकड़ों किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए उदाहरण बन गए हैं।
इस फैक्ट्री के मालिक नागेंद्र कुमार यादव पिछले कई सालों से गुजरात और महाराष्ट्र में बड़ी कंपनियों में काम कर रहे थे लेकिन तीन साल पहले वो अपने घर लौटे और अपना काम शुरु कर दिया। हालांकि उनके शुरुआती दिन काफी मुश्किलों भरे रहे। बड़े-बड़े ब्रांड के मुकाबले उनके प्रोडक्ट की डिमांड काफी कम रही लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
इतना ही नहीं उनके घरवालों ने भी बड़े शहरों में अच्छी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर गांव आने का विरोध किया। उनका कहना है कि जब घर वापस आया तो घर के लोगों को लगा मेरा फैसला गलता है। नौकरी छोड़ दी अब क्या करोगे। मैंने अपने ननिहाल में जमीन खरीदकर यहीं पर प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली।
लेकिन अब हालात बदल चुके हैं उनके ब्रांड को लोग पसंद करने लगे तो कारोबार कई गुना बढ़ गया। नागेंद्र की फैक्ट्री के चलते आसपास के कद्दू, टमाटर और आलू उगाने वालों काफी किसानों को भी फायदा हुआ है। कई किसान उनके लिए फसल उगाने लगे हैं। नागेंद्र फिलहाल अपने यूनिट से साल में 25-30 लाख रुपये कमा लेते हैं।