तो इस तरह बदल जाएगी माउंटेनमैन दशरथ मांझी के गांव की सूरत! जानें क्या है योजना और कितनी राशि होगी खर्च

जानकारी

माउंटेनमैन दशरथ मांझी को भला कौन नहीं जानता है. कौन भूल सकता है कि एक अकेले शख्स ने 22 वर्ष तक छेनी और हथौड़ी से की थी अनथक मेहनत और पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बनाया था. पर यहां तक सरकार के विकास को पहुंचने में बहुत समय लग गया. अब मोहडा प्रखंड के गहलोर घाटी के पास बने समाधी स्थल और दशरथ मांझी के गांव दशरथनगर को विकसित किया जाएगा. इसके लिए गया जिला प्रशासन ने दशरथ मांझी के समाधि स्थल और उनके गांव दशरथनगर के सौंदर्यीकरण के लिए एक व्यापक योजना बनाई है. विकास कार्य लगभग 17.4 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा.

हाल ही में राज्य सरकार ने दशरथ मांझी के समाधि स्थल को पर्यटन स्थल और विकास स्थल का दर्जा दिया है. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसके सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के कार्यपालक अभियंता ने 8 जुलाई को गया डीएम को पत्र भेजकर पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए प्राक्कलन तैयार करने को कहा था. योजना के तहत मौजूदा स्मृति भवन का सौंदर्यीकरण किया जाना है. दशरथ मांझी के उपकरण, जिनमें छेनी, हथौड़ा, टोपी और उनके द्वारा पहने जाने वाले कपड़े शामिल हैं. इसे हिंदी और अंग्रेजी में विवरण के साथ स्मृति भवन में प्रदर्शित किया जाएगा. अंदरूनी हिस्सों की दीवारों को सजाया जाएगा.

इनती राशि से होगा विकास

माउंटेनमैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी बताते हैं कि गया जिला प्रशासन ने दशरथ नगर तथा गहलौर घाटी और उनके पिता के समाधि स्थल के विकास के लिए कुछ दिनों पहले गया के डीएम यहां आए थे. इसके विकास को लेकर आश्वासन दिया गया है. इस संबंध में गया के डीएम ड़ॉ त्यागराजन एसएम ने कहा गहलौर गांव में प्राथमिक विद्यालय का भवन लगभग 28.59 लाख रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा. सामुदायिक भवन भी 46.54 लाख रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जा रहा है.

मिलेगी यह सब भी सुविधाएं

इसके अलावा, राज्य सरकार की नल जल योजना के तहत पेयजल सुविधाओं पर लगभग 42.86 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही करीब 17 लाख रुपये की लागत से एक स्टैंड पोस्ट और 10 हैंडपंपों की स्थापना की जाएगी. पौधरोपण अभियान के तहत विभिन्न किस्म के लगभग 1000 पौधे लगाए जाएंगे और दो साल के रखरखाव अनुबंध के साथ इस पर 39.64 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. डीएम ने गहलौर गांव स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक डॉक्टर, एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. समाधि स्थल के चारों ओर सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें लगाई गई हैं और पर्यटकों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए दो सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *