अब स्नातक तीन नहीं बल्कि चार वर्षों में होगा पूरा. दरअसल राजभवन के निर्देश पर सीबीसीएस पैटर्न लागू किया गया. इसमें चार वर्षों में स्नातक की डिग्री मिलेगी.यह जानकारी डीएसडब्ल्यू प्रो. योगेंद्र महतो ने दी. उन्होंने बताया की बिहार के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत राजभवन द्वारा स्नातक स्तर पर चार वर्षीय सीबीसीएस कोर्स को लागू कर दिया गया है.
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कॉलेजों में भी सीबीसीएस कोर्स के तहत नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर 4 जुलाई से ही पढ़ाई शुरू कर दी गई है. कुलपति प्रो. जवाहर लाल के निर्देश पर राजभवन से पारित ऑर्डिनेंस और रेगुलेशन को टीएमबीयू में लागू कर दिया गया है. कुलपति ने कई बार शिक्षकों और छात्रों को विभिन्न मौकों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी एनईपी 2020 की जानकारी दे चुके हैं.योगेंद्र महतों ने बताया की पूर्व में स्नातक तीन वर्षों का होता था. लेकिन एनईपी – 2020 के बिहार में लागू हो जाने के बाद अब सीबीसीएस पैटर्न लागू हो गया है.
जानिए पूरे कोर्स को
सभी विषयों के छात्रों को फर्स्ट सेमेस्टर में अब ऑनर्स की जगह मेजर कोर्स यानी एमजेसी रखना होगा. एमजेसी एक सौ अंक का होगा. जबकि सब्सिडियरी की जगह अब दो पेपर माईनर कोर्स यानी एमआईसी रखना होगा. एमआईसी के इन दो पेपरों में से एक पेपर अपने सबंधित संकाय से होगा जबकि दूसरा पेपर दूसरे किसी भी संकाय से रखना होगा. ये दोनों पत्र सौ- सौ अंको का होगा. इसके अलावे एबिलिटी एन्हांसमेंट कोर्स यानी एईसी के तहत छात्र भारतीय भाषाओं का अध्ययन करेंगे. जिसमें छात्र हिंदी, उर्दू, मैथिली, इंग्लिश और संस्कृत में से कोई एक विषय चुनेंगे.
छात्रों के सहूलियत के लिए चार कोर्स रखे गए
एसईसी यानी स्किल इन्हांसमेंट कोर्स के तहत छात्रों के कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा. हालांकि इसमें बहुत सारे कोर्स हैं. लेकिन छात्रों के सहूलियत के लिए चार कोर्स रखे गए हैं. इनमें बेसिक आईटी टूल्स, क्रियेटिव राइटिंग, कम्युनिकेशन इन एवरी डे लाइफ और डिजिटल मार्केटिंग पेपर को शामिल किया गया है. छात्र इनमें से कोई एक विषय अपनी रुचि के अनुसार रख सकते हैं. वहीं वीएसी यानी वैल्यू एडेड कोर्स के अंतर्गत छात्रों के पास चार विकल्प हैं. जिनमें एथिक्स एंड कल्चर, स्वच्छ भारत, फिट इंडिया और गांधी एंड एजुकेशन को शामिल किया गया है. छात्र इनमें से कोई एक विषय रख सकते हैं.
सभी पेपर 100 अंक के होंगे
सभी पेपर 100 अंक के होंगे. पास होने के लिए छात्रों को न्यूनतम अब 45 अंक लाने होंगे. सीबीसीएस पैटर्न पर आधारित इस चार वर्षीय कोर्स को छात्रों को अधिकतम सात सालों में पूरा करना होगा. बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद भी छात्र कहीं भी नामांकन ले सकते हैं. उनका क्रेडिट जमा रहेगा.छह महीने का एक सेमेस्टर होगा. यानी एक साल में दो सेमेस्टर की पढ़ाई करनी होगी. अगर कोई छात्र एक वर्ष यानी दो सेमेस्टर पूरा कर पढ़ाई छोड़ देते हैं तो उन्हें यूजी का प्रमाण मिलेगा.
चार वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र सीधे करेंगे रिसर्च
यदि कोई छात्र दो साल अर्थात चार सेमेस्टर को पूरा करते हैं तो उन्हें अंडर ग्रेडयूट डिप्लोमा का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. यदि छात्र तीन वर्षों तक यानी छः सेमेस्टर की पढ़ाई करते हैं तो उन्हें ऑनर्स का सर्टिफिकेट मिलेगा. तीन साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद चौथे वर्ष में एडमिशन के लिए 7.5 सीजीपीए लाना अनिवार्य है. साथ ही चार साल तक की पढ़ाई पूरी करने पर छात्रों को ऑनर्स के साथ साथ रिसर्च की डिग्री भी मिलेगी. चार वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र सीधे रिसर्च कर सकतेहैं.