TMBU के प्रोफेसर का कमाल! अब पनामा रोग से केला नहीं होगा बर्बाद, मिला 30 लाख का प्रोजेक्ट

खबरें बिहार की जानकारी

टीएमबीयू के लिए खुशखबरी है.यहां केपीजी बॉटनी विभाग के असिस्टेंट प्रो. (डॉ.) विवेक कुमार सिंह को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) के अंतर्गत एसईआरबीनई दिल्ली ने स्टेट यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस (स्योर) प्रोजेक्ट के तहत चयन किया है.डॉ.विवेक कुमार सिंह को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के द्वारा 30 लाख रुपए का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है. इस बाबत डॉ सिंह को ईमेल से प्रोजेक्ट का स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ है. उन्हें तीन साल तक इस प्रोजेक्ट के तहत काम करना है. इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा है की गुणवत्तापूर्ण शोध के क्षेत्र में टीएमबीयू मिसाल पेश करेगा.

यह प्रस्ताव किया गया है स्वीकृत

डॉ.विवेक ने बताया की उन्हें केला के पौधे में होने वाले पनामा रोग का उपचार सूक्ष्म जीवों के माध्यम से करने के लिए दिए गए प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है.इसके अंतर्गत ट्राईकोडर्मा फंगस, वर्मी कम्पोस्ट व मशरूम के अपशिष्ट पदार्थों के मिश्रण से केला के पौधे में होने वाले पनामा रोग का उपचार किया जाएगा.इसकी पहल सबसे पहले भागलपुर जिला में केलांचल के नाम से मशहूर नवगछिया के इलाकों से किया जाएगा.फिर बाद में इस उपचार का प्रयोग राज्य स्तर पर भी किया जाएगा. उन्होंने बताया की इस पहल से कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी.केला के किसान पनामा रोग के कारण बर्बाद हो रहे फसल को अब बचा पाएंगे. इससे केला के उत्पादन स्तर में भी व्यापक वृद्धि होगी. उन्हें मुनाफा भी अधिक होगा.नवगछिया के केला किसानों को इस उपचार से बड़ी राहत मिलेगी.साथ ही उपचार का यह तरीका ऑर्गेनिक है. सरकार भी ऑर्गेनिक विधि से खेती को बढ़ावा दे रही है.उन्होंने उम्मीद जताया कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने के बाद निकट भविष्य में बड़े प्रोजेक्ट के लिए भी स्वीकृति मिल सकती है.

डॉ.सिंह ने बताया की उनका रुझान शुरू से ही रिसर्च के क्षेत्र में कुछ नया करने को था.बीएचयू वाराणसी में उन्होंने वर्ष 2016 में टमाटर के पादप रोग पर पीएचडी कार्य किया था.वर्ष 2016-2017 में बीएचयू से ही उन्होंने पोस्ट डॉक्टोरल भी किया.हरियाणा लोक सेवा आयोग से चयनित होकर गुडगांव में उन्होंने दो साल तक राजकीय महाविद्यालय में अध्यापन का कार्य किया है.2019 में बीपीएससीसे चयनित होकर वर्तमान में टीएमबीयू के पीजी वनस्पति विज्ञान विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर योगदान दिए.डॉ सिंह मूलतः उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं.उनकी उच्च शिक्षा बीएचयू जैसे देश के शीर्ष संस्थान से हुई है. उन्होंने कई शोध पत्र लिखे हैं. साथ ही कई सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और वर्कशॉप का भी आयोजन उन्होंने कराया है. डॉ सिंह के द्वारा कुछ पुस्तकें भी लिखी गई हैं.

वीसी ने कहा-विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और साख भी बढ़ेगी

कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने पीजी बॉटनी के शिक्षक डॉ विवेक कुमार सिंह को बधाई और शुभकामनाएं दी. इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और साख भी बढ़ेगी. उन्होंने अन्य शिक्षकों को भी शोध और नवाचार के क्षेत्र में आगे आकर काम करने को कहा है. यहां कभी के.एस. बिलग्रामी जैसे महान वनस्पति शास्त्र के वैज्ञानिक प्रोफेसर हुआ करते थे. शिक्षक को यह उपलब्धि मिलने पर वे काफी गौवान्वित महसूस कर रहा हूं.उन्होंने कहा की ऐसे उत्कृष्ट कार्य के लिए अन्य शिक्षकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा. वीसी प्रो. लाल ने कहा की बॉटनी के शिक्षक डॉ.विवेक कुमार सिंह को उनके इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय में किसी विशेष अवसर पर सम्मानित किया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *