तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तैयार गयाजी, कई बदलावों का साक्षी बनेगा पितृपक्ष

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26 सितंबर से गयाजी में तीर्थयात्रियों का आना शुरू हो जाएगा। वहीं, 28 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू होते ही तर्पण के साथ कर्मकांड प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में गयाजी इस बार अपने तीर्थयात्रियों के स्वागत में पलके बिछाए है।

तीर्थयात्रियों की स्वागत के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटा है। इस बार कई योजनाएं पहली बार इस पितृपक्ष मेला में बदलाव के साथ सबके सामने होगा। इनमें से सबसे बड़ी बात गंगाजल का है। तीर्थयात्रियों को पहली बार पेयजल के रूप में गंगाजल मिलेगा।

तीर्थयात्रियों का गंगाजल से बुझेगा प्यास

पितृपक्ष में पहली बार तीर्थयात्रियों को गंगाजल से प्यास बूझेगा क्योंकि शहर में पेयजल के लिए गंगा आपूर्ति योजना के तहत 35 मिलियन लीटर पानी आपूर्ति की जा रही है।

तीर्थयात्रियों को विष्णुपद, देवघाट, बाइपास, चांद-चौरा, अक्षयवट, सहित कई क्षेत्र में गंगाजल की आपूर्ति हो रही है। गंगाजल आपूर्ति योजना का शुभारंभ पिछले वर्ष नवंबर माह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा किया गया था।

विष्णुपद मंदिर में बनाया जा रहा निकास द्वार

तृपक्ष में काफी संख्या में तीर्थयात्री गयाजी पहुंचते हैं, जहां पिंडदान करने के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु के चरण में पिंड को अर्पित करते हैं। इसे लेकर मंदिर में काफी भीड़ रहती है।

मंदिर में भीड़ को कम करने के लिए श्रीविष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति द्वारा एक निकास द्वार का निर्माण कराया गया है, जिससे तीर्थयात्री आसानी से मंदिर बाहर निकल सके। निकास द्वार मंदिर के दक्षिणी दिशा स्थित लक्ष्मी नारायण उद्यान में खोला गया है।

पहली बार तीन पाली में होगी सफाई

पितृपक्ष मेला क्षेत्र में पहली बार तीन पाली में सफाई होगी। साफ-सफाई आउटसोर्सिंग के तहत किया जा रहा है। 28 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक तीन पाली में सफाई होगी।

साफ-सफाई के क्रम में पिंड को उठाकर एक जगह रखा जाएगा। उसके बाद उस पिंड से जैविक खाद तैयार किया जाएगा।

माता सीता पथ पर तीर्थयात्री देश की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग से रूबरू होंगे। माता सीता पथ के दीवार में जल संसाधन विभाग द्वारा मिथिला पेंटिंग कराई जा रही है। आठ मीटर लंबी दीवार पर माता सीता के जीवन का वर्णन किया जा रहा है।

वहीं, गयाजी डैम पानी से लबालब भरा है। फल्गु नदी के पवित्र जल से पिंडदानी अपने पितरों के मोक्ष की कामना के लिए कर्मकांड और तर्पण करेंगे।

लगाए जा रहे विद्युत कुचालक पेंट

मेला क्षेत्र में बिजली के खंभों पर पहली बार विद्युत कुचालक पेंट लगाए जा रहे हैं, जो दिल्ली से साढ़े तीन हजार रुपये प्रति लीटर के दर से मंगाया गया है। इससे बिजली के खंभे के संपर्क में आने पर भी करंट का कोई प्रभाव नहीं होगा।

मेला संबंध में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर जिला प्रशासन गयाजी आने वाले प्रत्येक तीर्थयात्रियों को हर सुविधा मुहैया कराने का प्रयास करेगी, जिस पर प्रशासन के अधिकारियों की पूरी टीम लगे रहेंगे।

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