पटना : चंद लम्हों की मुलाकात थी। होठों पर गीत और आंखों में प्यार। हर लफ्ज में गुजरे जमाने की बात थी। प्यार के लफ्ज क्या निकले उनके होठ से हर चेहरे की चमक बढ़ गई। बात हो रही है फिल्म अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरी की। सोमवार की शाम गांधी मैदान में चल रहे दशहरा महोत्सव के कुछ गाने कुछ अफसाने में वह पहुंची थीं।
मंच पर आते ही पूछा- का हाल बा पटना? बहुत सुने हैं आपके बारे में। जितना प्यार पटना में मिलता है, उतना कहीं नहीं मिल सकता। फिर गाने का सिलसिला शुरू किया।
तुमसे मिल कर न जाने क्यों और भी कुछ याद आता है, आज का अपना नहीं है जन्मों का ये रिश्ता है…। गाने के बाद जाने की बात कही तो दर्शकों ने जाने की इजाजत नहीं दी। और फिर कई गाने गाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया। कुछ गाने कुछ अफसाने में हजारों फैंस से रूबरू होते हुए कोल्हापुरी ने कहा कि मैं प्लेबैक सिंगर बनना चाहती थी।
कई गाने भी गाए। लेकिन ऊपर वाले की मर्जी कुछ और थी। श्रोताओं का उत्साह देख कहा-यहां गाकर दिल इतना खुश हुआ है कि दोबारा आना ही पड़ेगा।