शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु का स्थान माता पिता से भी ऊपर होता है। इंसान को मां-बाप जन्म देकर दुनिया में लाते हैं और गुरु ज्ञान देकर जीवन को सफल बनाते हैं। लेकिन जब गुरुजी ही फर्जी हों तो क्या कहा जाए। बिहार के मधुबनी में पुलिस ने ऐसे दो गुरु घंटालों को गिरफ्तार किया है जो जाली सर्टिफिकेट देकर 17 और 14 सालों से सरकारी स्कूलों में नौकरी कर रहे थे। जिले के पंडौल और मधेपुर प्रखंडों में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी लेने वाले दो शिक्षकों पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इन दोनों शिक्षकों के खिलाफ निगरानी ने थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी। पंडौल में फर्जी शिक्षक बने किशोरी पासवान 14 वर्ष से सेवा में थे तो मधेपुर में रामकुमारी 17 वर्षों से शिक्षिका बनी हुई थी।
थर्ड डिवीजन से था पास, फर्स्ट डिवीजन का दिया था अंकपत्र
पंडौल थानाध्यक्ष शंकर शरण दास ने बताया कि खनगांव के शिक्षक किशोरी पासवान का नियोजन वर्ष 2007 मे हुआ था। वर्तमान मे ये राजकीय प्राथमिक विद्यालय चानी टोल पंडौल मे पदस्थापित एवं कार्यरत थे। नियोजन के समय किशोरी पासवान ने जो प्रमाण पत्र प्रस्तूत किया था उनके अनुसार इंटर क्लास में उनका प्राप्तांक 667 है और उन्होने फर्स्ट डिवीजन से इंटर पास किया था। वर्ष 1991 में हुई परीक्षा में उनका रोल कोड 165 तथा रोल नंबर 30154 था। सरकार के निर्देश निगरानी की कार्रवाई में उनका प्रमाण पत्र फर्जी पाया था। निगारनी विभाग द्वारा शिक्षकों के फोल्डर जांच में पाया गया कि किशोरी पासवान का इंटर का अंक पत्र फर्जी है।
इस मामले में निगरानी इंस्पेक्टर सत्येन्द्र राम सह जांचकर्ता निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के आवेदन पर पंडौल में उनके खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया। निगरानी के एफआईआर आवेदन मे बताया गया है कि आरोपी शिक्षक को इंटर में 454क मिले हैं और वह थर्ड डिवीडन से इंटर पास है। फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी लेने वाले दोषी किशोरी पासवान को उसके गांव से गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया।
दूसरा मामला मधुबनी जिले के मधेपुर के बसीपट्टी पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगता का है। शिक्षिका रामकुमारी विगत 17 वर्ष से इस विद्यालय में कार्यरत थी। भगता गांव निवासी राम कुमारी पर फर्जीवाड़ा का आरोप है। उनके निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस निरीक्षक सह जांचकर्ता सत्येन्द्र राम ने भेजा थाने में एफआईआर दर्ज कराया हुआ है। एफआईआर में बताया गया है कि नियोजित शिक्षिका राम कुमारी वर्ष 2005 से उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगता में कार्यरत हैं। निगरानी द्वारा उनके इंटर परीक्षा के अंकपत्र की जांच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से करायी गयी। परीक्षा समिति द्वारा राम कुमारी के अंकपत्र को फर्जी करार दिया गया। निगरानी ने आरोप लगाया है कि आरोपित ने धोखाधड़ी कर अवैध रूप से अन्य आरोपितों के साथ साजिश करके शिक्षक नियोजन में नाजायज लाभ प्राप्त किया है।एफआईआर में यह भी कहा गया है कि इस अवैध नियोजन में अन्य अज्ञात व्यक्तियों की संलिप्तता के संबंध में जांच किया जाना चाहिए।
भेजा थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि आरोपित शिक्षिका राम कुमारी को महिला पुलिस की मदद से सोमवार को विद्यालय पर से ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होनें बताया कि शिक्षिका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।