Patna: देश की सरहद पर दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए मेजर मयंक बिश्नोई का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शोपियां में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में वह बुरी तरह घायल हो गए थे जिसके बाद सैनिक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मेजर मयंक को मेरठ लाया गया जहां सूरजकुंड श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
अपने लाड़ले देशभक्त को पूरा शहर श्रद्धांजलि देने पहुंचे उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ थी जो भारत मां की रक्षा करते शहीद हुए युवा के अंतिम दर्शन करना चाहती थी। उन्हें सैन्य सम्मान के साथ ही थ्री जाट रेजीमेंट के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। आरआर बटालियन की राजपूत रेजीमेंट सहित सभी सैन्य अफसरों ने पुष्प चक्र अर्पित किए। पिता वीरेंद्र सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी।
30 साल के जवान पति को खोने का पत्नी स्वाति को गहरा सदमा लगा है। मयंक के अंतिम संस्कार के वक्त उन्हें एकटक देखती रहती है या तो एकदम से रोने लगती। जब सैन्य अधिकारियों ने उन्हें मयंक से दूर किया तो स्वाति ने सेल्यूट किया और आई लव यू कहकर हट गई। शहीद मयंक को मुखाग्नि देते वक्त उनके शव से ससम्मान तिरंगे को हटाकर जब स्वाति को दिया गया तो स्वाति तिरंगे को सीने से लगा कर रोने लगी। स्वाति की बहन भी रोते हुए बेहोश हो गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मयंक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है. प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी. उन्होंने परिवार को पचास लाख की आर्थिक मदद और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी साथ ही जनपद की एक सड़क का नाम मयंक बिश्नोई के नाम पर रखने की बात कही।