पटना: धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को जगत पिता बताया गया हैं क्योंकि भगवान शिव सर्वव्यापी हैं। इसलिए इस मंत्र जाप से आपकी सारी परेशानी दूर हो जाएगी।
‘शिव’ का अर्थ है – ‘कल्याणकारी’। ‘लिंग’ का अर्थ है – ‘सृजन’। सर्जनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिन्ह के रूप में लिंग की पूजा होती है। लिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और ऊपर प्रणवाख्य महादेव स्थित हैं।
शिवपुराण में बहुत सारे मंत्रों का वर्णन किया गया है। जो मानव कल्याण के लिए बहुत प्रभावशाली हैं। मंत्र कामनापूर्ति का श्रेष्ठ साधन हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि नहाने के बाद पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके किया गया मंत्र जाप धन, वैभव व ऐश्वर्य की कामना को पूरी करता है।
मंत्र- महामृत्युंजय मंत्र- ऊं त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मोक्षिय मामृतात्।
इस मंत्र से दूर होती हैं ये परेशानियां ये मंत्र जीवन प्रदान करता है। अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है, उम्र बढ़ती है। कठिन एवं असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। यह मंत्र हर बीमारी को भगाने का बड़ा शस्त्र है।त्वचा में गजब का आकर्षण पैदा होता है। धन-दौलत और वैभव संपन्न जीवन व्यतीत होता है। समाज में रुतबा बढ़ता है।निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है। धन-हानि हो रही हो तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।