अभी अभी बिहार सरकार ने राज्य के बीटेक इंजीनियरो को दिया बड़ा सौगात। बेरोज़गारो के लिए ख़ुशखबरी

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पटना: प्रदेश के प्लस टू स्कूलों के लिए योग्य शिक्षक नहीं मिलने की स्थिति में एमटेक-बीटेक डिग्रीधारी बेरोजगारों को सरकार अतिथि शिक्षक का जिम्मा देगी, लेकिन इसके लिए विभाग की अनुमति आवश्यक होगी। शिक्षा विभाग ने जिला परिषद, नगर निकायों में चल रहे राजकीय, राजकीयकृत और उत्क्रमित प्लस टू स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के पैनल निर्माण के लिए शुक्रवार को आदेश जारी किए। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है।

सरकारी प्लस टू स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की सेवा लेने की प्रक्रिया पांच मई से प्रारंभ हो चुकी है। शिक्षा विभाग ने इसका कैलेंडर भी जारी कर दिया है। प्लस टू स्कूलों में अंग्रेजी, गणित, भौतिकी और रसायन शास्त्र जैसे विषयों के शिक्षकों की कमी को देखते हुए 4,257 अतिथि शिक्षकों की सेवा मानदेय पर लेने का फैसला हुआ है। प्लस टू स्कूलों में शिक्षक नियोजन होने तक अतिथि शिक्षकों की सेवा एक हजार रुपए प्रतिदिन, महीने में अधिकतम 25 हजार के पारिश्रमिक पर ली जा रही है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने आज जारी आदेश में कहा है कि मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पचास फीसद अंकों के साथ स्नातकोत्तर और बीएड अथवा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (पेपर -2) में उतीर्ण अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही संबंधित विषय के राज्य स्तरीय सेवा से सेवा निवृत्त शिक्षक जिनकी आयु 65 वर्ष तक होगी उन्हें अतिथि शिक्षक में दूसरी वरीयता दी जाएगी। स्नातकोत्तर प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को वरीयता के तीसरे पायदान पर रखा गया है।

जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि गणित, भौतिकी या फिर रसायन शास्त्र विषयों के लिए ऊपर की तीनों श्रेणी के शिक्षक नहीं मिलते हैं तो वैसी स्थिति में मेधा सूची-पैनल में एमटेक-बीटेक और बीएड प्रशिक्षित उम्मीदवारों को शामिल किया जा सकता है। लेकिन, एमटेक-बीटेक अभ्यर्थियों की सेवा विभागीय अनुमोदन प्राप्त कर लेने के बाद ही सुनिश्चित की जाए।

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