ठंड का मौसम परिवहन सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित करता है। ठंड के मौसम में कोहरे की वजह से दृश्यता सीमा आम तौर पर काफी कम हो जाती है। इसके कारण रेल और रोड के साथ ही हवाई यात्रा पर भी असर पड़ता है। इस साल ठंड अभी सही तरीके से शुरू भी नहीं हुई है और विमानों का लेट होना शुरू हो गया है। एक घंटे की यात्रा वाली फ्लाइट तीन घंटे तक लेट आने लगी है।
तीन घंटे तक विलंब से पहुंचे विमान
इधर, ठंड की आहट के साथ ही पटना के एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन लड़खड़ाने लगा है। जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली कई विमान लेट से आने-जाने लगी। शनिवार को पटना एयरपोर्ट पर तीन-तीन घंटे विलंब से विमान पहुंचे हैं।
गो एयर के विमान सबसे अधिक लेट
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सबसे अधिक विलंब से गो एयर के विमानों की लैंडिंग रही। गो एयर का विमान संख्या जी 8143 चार घंटे विलंब से पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा। इस विमान को दोपहर 12.30 बजे आना था लेकिन यह शाम चार बजकर 33 मिनट पर पहुंचा।
स्पाइस जेट की फ्लाइट भी देरी से पहुंची
स्पाइस जेट की एसजी 768 बेंगलुरू पटना फ्लाइट रात आठ बजकर 10 मिनट के बजाए रात नौ बजकर 37 मिनट पर एक घंटे 27 मिनट की देरी से पहुंचा। जी 8274 बेंगलुरू पटना फ्लाइट शाम 6. 15 बजे की जगह रात 07:08 बजे पहुंची। यह फ्लाइट 53 मिनट लेट रहीं।
इंडिगो का विमान भी रहा लेट
इंडिगो की 6ई 6917 कोलकाता पटना शाम 3:40 बजे की जगह शाम चार बजकर आठ मिनट पर पहुंची। यह फ्लाइट 28 मिनट लेट रही। गो एयर की फ्लाइट जी 8351 मुंबई पटना फ्लाइट दोपहर एक बजकर 45 मिनट की बजाय दो बजकर तीन मिनट पर पहुंची। यह विमान 23 मिनट विलंब से पटना एयरपोर्ट पर लैंड की।
छोटा रनवे बनता है मुसीबत
पटना एयरपोर्ट का रनवे मानकों के लिहाज से अपेक्षाकृत छोटा है। इसलिए यहां से बड़े आकार वाले विमान उड़ान नहीं भर सकते। मंझोले विमान ही यहां से आवाजाही करते हैं। ठंड के मौसम में ऐसे विमानों के परिचालन में भी दिक्कत आने लगती है, क्योंकि तब कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है और पूरे रनवे का इस्तेमाल भी नहीं हो पाता है।