PATNA : नेपाल में बारिश की रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद नदियों के उफान में तो कमी आई है लेकिन अभी भी सारी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
हालांकि कई नदियों का जलस्तर कई जगहों पर स्थिर भी है तो कुछ जगहों पर घट भी रहा है। उधर, सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।
कई नदियां खतरे के निशान से उपर…
शनिवार की रात खतरे के निशान के ऊपर बहने वाली नदियों की संख्या में इजाफा ही हुआ है। रविवार की सुबह तक दस नदियां खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गयी हैं।
गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, पुनपुन, आधवारा, खिरोई, महानंदा, घाघरा और कोसी नदी का जलस्तर लगातार लाल निशान के पार है।
इनमें कोसी और गंडक नदियों में सबसे अधिक पानी है। ऐसे महानंदा, बूढ़ी गंडक, अधवारा और बागमती भी खतरनाक बनी हुई है।
बागमती सीतामढ़ी के ढेंग में 16 सेमी व डुब्बाधार में 71 सेमी, बूढ़ी गंडक मुजफ्फरपुर में 47 सेमी, समस्तीपुर में 24 सेमी, मोतिहारी में 176 सेमी व खगड़िया में 16 सेमी, पुनपुन पटना में 1.41 मीटर, अधवारा सीतामढ़ी में 1.70 मीटर, खिरोई दरभंगा के कमतौल में 70 सेमी व एकमीघाट में 1.38 मीटर, महानंदा पूर्णिया में 24 सेमी, घाघरा सीवान में 38 सेमी, कोसी पूर्णिया में 195 सेमी व कुर्सेला 14 सेमी, गंडक गोपालगंज के डुमरियाघाट खतरे के निशान के 129 सेमी ऊपर बह रही है।
नेपाल में बारिश की मात्रा कम हुई है जबकि उत्तर बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में भी बारिश थमी है। इससे नदियों के उफान में कमी आई है। लेकिन नेपाल से आ रहे लगातार पानी के कारण नदियों के घटने का क्रम शुरु हो गया है। गंगा नदी शनिवार को अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।
बक्सर से भागलपुर तक उसके जलस्तर में वृद्धि हो रही है। हालांकि पटना के गांधीघाट में उसका जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा है। यहां गंगा 26 से 28 सेंटीमीटर पर आ गया है।
दीघा में गंगा खतरे के निशान से 1.14 मीटर नीचे है जबकि हाथीदह में 43 सेमी नीचे है। पर, गंगा साहेबगंज में खतरे के निशान से 47 सेमी और फरक्का में 75 सेमी ऊपर है।