शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर के रामचरितमानस संबंधित टिप्पणी के बहाने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने मंत्रियों और विधायकों को कहा है कि वे बेमतलब के विवाद वाले बयानों से बचें। उन्होंने शिक्षा मंत्री को निजी तौर पर भी हिदायत दी।
सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी ने आमने-सामने की बातचीत में डा. चंद्रशेखर को कहा कि ढेर सारे राजनीतिक और सामजिक मुद्दे हैं, जिन पर बोलकर जनता के हितों की बात की जा सकती है। किसी धार्मिक विषय पर बोलने से विवाद तो होता है, लेकिन लंबे समय में दल को कोई लाभ नहीं मिलता है। समझा जाता है कि दोनों के बीच बातचीत के बाद शिक्षा मंत्री अपनी ओर से इस विवाद को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी यादव रामचरितमानस से जुड़े ताजा विवाद से संतुष्ट नहीं हैं। मुश्किल यह है कि दूसरे दलों के अलावा उनके अपने राजद में भी घमासान है। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जहां शिक्षा मंत्री के पक्ष में खड़े हुए हैं। वहीं, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी कह रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करे।
उधर, सत्तारूढ़ जदयू में भी विरोध के स्वर उभरे हैं। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूरे प्रकरण पर अप्रसन्नता प्रकट की है। तेजस्वी के सामने एक संकट यह है कि डा. चंद्रशेखर या पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बयानों को राजद का अधिकृत रुख न मान लिया जाए।
सुधाकर का मोर्चा पहले से खुला है
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में बयान देने से जो मोर्चा खुला था, वह बंद नहीं हुआ। दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री की टिप्पणी से नया मोर्चा खुल गया है। राजद नेतृत्व डर रहा है कि समय पर इस तरह की बयानबाजी पर रोक नहीं लगी तो पार्टी की कतारों में यह प्रवृत्ति फैलेगी। संदेश यह जाएगा कि विधायक दल और संगठन पर नेतृत्व की पकड़ कमजोर हो रही है।