भागलपुर के नवगछिया के मदतपुर गांव के एक मिडिल स्कूल में मिड डे मील खाने से एक साथ 200 बच्चे बीमार पड़ गए। आनन-फानन में बच्चों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है, जबकि स्कूल प्रबंधन समिति को स्कूल के सभी छह रसोइयों को बर्खास्त करने के लिए कहा गया है, इसके अलावा स्कूल के सभी शिक्षकों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया है
बच्चों ने की थी खाने में छिपकली होने की शिकायत
अस्पताल में भर्ती बच्चों ने कहा कि उन्होने खाने में छिपकली होने की शिकायत की थी, लेकिन टीचर ने पहले उन्हें डांटकर कहा- छिपकली नहीं बैंगन है। जब बच्चों ने खाने से मना किया तो टीचर ने जबरन उन्हें खाना खिलाया। इसके बाद सभी को उल्टियां होने लगीं। करीब 200 बच्चे बीमार हो गए।
सभी बच्चे खतरे से बाहर
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) संजय कुमार के मुताबिक- बच्चे शाम को अपने घर पर बीमार पड़ गए और एक बार शिकायत करने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया गया और सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें स्कूल से छुट्टी दे दी गई है। स्कूल में नामांकित कुल 384 बच्चों में से 298 गुरुवार को उपस्थित थे और लगभग 200 बच्चे बीमार पड़ गए और उन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया और सौभाग्य से वे सभी सुरक्षित हैं।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ अंजना कुमारी ने भी अस्पताल का दौरा किया, उन्होंने कहा, “सभी बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं दूसरी तरफ, निलंबित प्रिंसिपल चितरंजन प्रसाद सिंह ने दावा किया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया था क्योंकि भोजन में छिपकली नहीं बल्कि बैगन था। स्कूल प्रशासन हमेशा सफाई पर नजर रखता है।