पटना: लड़कियों को लेकर कई बार ऐसा बोला जाता है कि ये काम लड़कियों के बसका नहीं है. लेकिन पिछले कुछ समय ने हमारे देश में लड़कियों ने जिस तरह से लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाया है, वो काफ़ी सराहनीय है. ऐसा ही कुछ किया तनुश्री पारीक ने. तनुश्री पारीक देश की पहली सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ‘कॉम्बेट ऑफ़िसर’ बन गई हैं. ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ यानी वह भारतीय सीमा की रक्षा में प्रत्यक्ष योगदान देंगी और जरूरत पड़ी तो आमने-सामने दुश्मनों से दो-दो हाथ भी करेंगी. पिछले 5 दशकों में पहली बार ऐसा हुआ है कि बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडर के पद पर महिला कार्यरत हुई है.
राजस्थान के बीकानेर शहर की तनुश्री पारीक महज़ 25 साल की हैं. अपनी इस उपलब्धि पर तनुश्री बताती हैं कि “उन्होंने बचपन से ही सोचा हुआ था, कि वो बड़े होकर सेना में जाएंगी. इसलिए स्कूल टाइम में उन्होंने एनसीसी में हिस्सा लिया था.”
तनुश्री के इस सम्मान पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “इस बात की खुशी है कि बीएसएफ को पहली फ़ील्ड ऑफ़िसर मिली है. उम्मीद करता हूं कि और भी महिला अधिकारी आ रही हैं, जो सीमाओं की सुरक्षा करेंगी. सेना और अर्धसैनिक बलों में महिला अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन कर रही हैं.”
असिस्टेंट कमांडेट बनने के बाद तनुश्री ने टेकनपुर की बीएसएफ अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया. तनुश्री बताती हैं कि “वो परेड के लिए इतनी एक्साइटिड थी कि उन्होंने खुद को दौगने उत्साह से तैयार किया था. उन्होंने कहा कि लड़कियों को कठिन कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का वक्त आ गया है.”
बता दें कि पहले सेना और अर्धसैनिक बलों में महिलाओं को फील्ड ड्यूटी पर नहीं रखा जाता था. लेकिन पिछले कुछ समय से इस चीज़ में बदलाव आया है. 2 साल पहले भारतीय वायुसेना में तीन महिलाओं को पहली बार जेट फाइटर पायलट चुना गया था.
Source: Scoopwhoop Hindi