पटना: सना बिटिया अब स्वस्थ होकर पीएमसीएच से वापस अपने घर जा रही है। बहादुर बिटिया को विदा करने के लिए पूरा पीएमसीएच उमड़ पड़ा है। डॉक्टर अंकल ने सना को टेडी दिया मिठाई खिला कर खूब आशीर्वाद दिया। पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग की चहेती बन गयी सना को विदा करते हुए वहां की नर्स दीदियों की आंखे भी नम हो चली थी। सना जब आयी थी तो परेशान थी रो रही थी चोट से कराह रही थी।
लेकिन डॉक्टर अंकल और नर्स दीदियों ने उसकी दिन रात देखभाल की सेवा की। आज सना खिलखिला रही अपने मम्मी-पाप के गोद में इठला रही है। वो घर जा रही है। तीन साल की मासूम सना के चेहरे पर खुशी तो दिख रही है पर यहां सबकी प्यारी बन चुकी सना को भी जाना थोड़ा अटपटा लग रहा है। खैर जो भी हो सना बिटिया सबको बाय कहकर चली गयी।
पीएमसीएच से बाहर जब सना निकल रही थी तो उसकी एक झलक पाने को सभी बेताब थे। इस मौके पर पीएमसीएच के सुप्रीटेंडेंट राजीव रंजन प्रसाद ने सना को अस्पताल का ब्रांड एम्बेसडर बनाने का एलान किया। डॉक्टर सना की जीवटता की तारीफ करते नहीं थक रहे।
बहादुर बिटिया सना की जीवटता का ही कमाल था कि तीस घंटे बाद वो मौत को मात देकर बोरवेल से बाहर आयी थी। अनजाने में सना अपने नाना के खेलते-खेलते बोरेवेल के अंदर चली गयी थी। जिसके बाद उसे बाहर निकालने में तीस घंटे लग गए। जब सना के बोरवेल में गिरने की खबरे सोशल मीडिया से होते हुए टीवी के जरिए पूरे देश में पहुंची तो पूरा देश सना की सलामती की दुआ करने लगा।कहीं दुआ मांगे जाने लगे तो कहीं मंदिर में पूजा होने लगी। सभी चाहते थे कि सना सकुशल बाहर आ जाए।
सना के रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ-साथ मुंगेर जिला प्रशासन ने दिन-रात एक कर दिया। ऑपरेशन कामयाब रहा जब एसडीआरएफ के मुरारी प्रसाद चौरसिया किसी देवदूत की तरह सना को अपनी गोद में बाहर निकले। पूरा देश उस वक्त उन्हें भगवान का दर्जा दे रहा था जिसने सना की जान बचा ली थी। सना को आनन-फानन में मुंगेर सदर अस्पताल ले जाय़ा गया जहां दो दिनों तक इलाज करने के बाद बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच भेज दिया गया था। उस वक्त सना के चेहरे पर सूजन था और कान बह रहे थे।
एमआरआई में सना के ब्रेन के उपरी सतह पर चोट बतायी जा रही थी। लेकिन पीएमसीएच के काबिल डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह स्वस्थ कर दिया। इस दौरान सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय उसके लिए मंगल कामना लेकर पहुंचे तो सासंद पप्पू यादव ने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे सना का देश के बड़े-बड़े से बड़े अस्पताल में इलाज कराएंगे।
Source: Live Bihar