सितंबर से 2000 रुपये के नोट का चलन बंद करने के केंद्र सरकार के निर्णय को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कालाधन और टेरर-फंडिंग पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक बताया है।
नीतीश कुमार को करना चाहिए समर्थन- सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 2016 में जब हजार-पांच सौ के नोट बंद किए गए थे, तब विपक्ष में रहते हुए नीतीश कुमार ने इस कदम का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कालेधन से समझौता नहीं किया हो, तो उन्हें नोट बदली के ताजा फैसले का भी समर्थन करना चाहिए। मोदी ने कहा कि अमेरिका-यूरोप जैसी किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था में 100 से बड़े अंक की मुद्रा नहीं चलती।
उन्होंने कहा कि 2016 की नोटबंदी के बाद तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए दो हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे। पहले ही सामान्य लेन-देन में दो हजार रुपये की बड़ी मुद्रा से बचते थे। इसे वापस लेने की बैंकिंग प्रक्रिया भी चल रही थी, इसलिए नोट-बदली से जनता को कोई कठिनाई नहीं होगी।
उद्योगपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए नोट किया बंद- JDU
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की मंशा से मोदी सरकार ने फिर नोटबंदी की है। यह साफ दिख रहा कि भाजपा जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय अपने उद्योगपति मित्रों को गैरकानूनी तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक खास वर्ग को फायदा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार जनमानस के हितों को सूली पर लटकाने को आतुर है। इन्हें देश की गरीब और मजदूर जनता से दूर-दूर तक कोई ,सरोकार नही।
जिन वादों के साथ पूर्व में नोटबंदी लागू हुआ था वह आज तक चरितार्थ होते नहीं दिखा। सभी को स्मरण है कि नोटबंदी के फैसले के बाद देश की जनता में किस तरह से हाहाकार मचा हुआ था। कई बेटियों का ब्याह रुक गया था।