दृढ़ इच्छाशक्ति वाले अपनी राह खुद ही बना लेते हैं, उन्हें वक़्त या हालात का मोहताज़ नहीं होना पड़ता, और इसका बिल्कुल सटीक उदाहरण है पटना की सुप्रिया सिंह. स्कूल कॉलेज पे आपने मॉडल यूनाइटेड नेशन का नाम तो सुना ही होगा. कई बच्चे इसमे हिस्सा लेते हैं, अपने नाम का सर्टिफिकेट पाते हैं और फिर भूल जाते हैं. सुप्रिया सिंह भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी, लेकिन औरो की तरह इन्होंने इसे मात्र एक प्रतियोगिता नही समझा. इनके लगन का ही परिणाम है कि इन्हें एशिया के विश्व स्तर पे होने वाले मॉडल यूनाइटेड नेशन में भारत के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया है. यह कार्यक्रम इंडोनेशिया के बाली में 13 से 16 नवंबर के बीच सम्पन्न होगा. इस कार्यक्रम में सबसे बेहतर प्रतिनिधि को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

सुप्रिया ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना के कृष्णा निकेतन से पूरी की है. बाद में उन्होंने पटना वीमेन्स कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया. वे अपने कॉलेज के दिनों से ही पढ़ाई से इतर कई गतिविधियों में सक्रिय रहती थी. नृत्य संगीत में भाग लेने के साथ साथ वे एनसीसी की मेंबर भी थी. इसके साथ ही स्नातक में उन्होंने पूरी यूनिवर्सिटी में दूसरा स्थान प्राप्त किया था. फिलहाल वे दिल्ली में रह कर प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रही हैं.


अपनी उम्र के हिसाब से सुप्रिया की उपलब्धियां और सपने काफी बड़े हैं, लेकिन यहाँ तक पहुचने की उनकी राह इतनी आसान ना थी. 5 भाई बहनों में वे सबसे छोटी है. घर में वे सबसे ज़्यादा अपने पिता के करीब थी. दुखों का पहाड़ उनपे तब टूटा जब दिल का दौरा पड़ने से पिताजी ने इसी साल मार्च महीने में दुनिया को अलविदा कह दिया. सुप्रिया बताती हैं की वे प्रशासनिक सेवाओं में जाए ऐसा उनके पिताजी चाहते थे. सुप्रिया की कूटनीति में भी रुचि थी, इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में भी प्रयास किये और आज नतीजा आप सब के सामने है. बाली के कार्यक्रम में बतौर प्रतिनिधि चयनित हो कर सुप्रिया ने ना सिर्फ अपने माता पिता का बल्कि पूरे बिहार का नाम रौशन किया है. हमे आशा है कि वे वहाँ अपना बेहतर प्रदर्शन करेंगी और राष्ट्रपति से पुरस्कार लेकर ही वापस आएंगी.
