दिल्ली, केरल, बिहार समेत देश के कई राज्यों में बढ़ते प्रदूषण और खराब हवा की गुणवत्ता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे के ऊपर सुनवाई करते हुए इसे बैन करने का निर्देश जारी किया है. इस आदेश के बाद पटाखा विक्रेताओं पर भी असर दिखने को मिला है. उन्होंने कहा कि उनके सिर पर संकट का बादल मंडराने लगा है. भागलपुर के दर्जनों पटाखा विक्रेता एसडीओ कार्यालय के समक्ष अपनी फरियाद लेकर भी पहुंचे. कहा कि इस आदेश के बाद हमलोग सड़क पर आ जायेंगे. लाखों की पूंजी लग चुकी है.
रोजगार हाथ से छिनेगा और भारी कर्ज में डूब जाएंगे
उन्होंने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि अगर इस प्रकार का आदेश राज्य सरकार या सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी किया जाता है. तो उन्हें कम से कम 6 महीने पहले इसकी सूचना हम लोगों को देनी चाहिए थी. क्योंकि इस बार हम लोगों ने लाखों की लागत पटाखा खरीदने में लगा दी है. जो अब पूरी तरह से व्यर्थ हो जाएगी. हम लोगों का रोजगार हाथ से छिन जाएगा और मुनाफे की जगह भारी कर्ज में डूब जाएंगे. वहीं पटाखा विक्रेता दीपक कुमार ने बताया कि अगर पटाखा पूरी तरह से बैन ही करना होता है तो 6 माह पहले आदेश जारी कर दिया जाए, ताकि हमलोग पटाखा नहीं खरीदें.
एक बार पुनः हमलोगों के लिए विचार करना चाहिए
हमलोगों के साथ एक परेशानी होती है कि अगर देर से पटाखा मंगवाते हैं तो मनमाना पैसा वसूला जाता है. इसलिए पहले ही पटाखा की खरीदारी करनी पड़ती है. इसमें हमलोग दूसरे से पूंजी लेकर धंधा करते हैं. अगर नहीं बिक्री होगी तो हमलोग कर्ज में डूब जाएंगे. उसने बताया कि हमलोग ग्रीन पटाखा ही बेचते हैं. जो सरकार का गाइडलाइन है. लेकिन अब इस आदेश के बाद इसकी भी उम्मीद नहीं रही.
एक बार पुनः हमलोगों के लिए विचार करना चाहिए. अब अगले साल से पूरी तरीके से बैन कर दिया जाए. लेकिन इस वर्ष पटाखा बेचने का आदेश देना चाहिए.