1. पाकिस्तान :
2015 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान की जनसंख्या 199,085,847 है. दुनिया का दूसरा सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है. इसमें ज्यादातर लोग सुन्नी हैं, लेकिन शिया मुसलमानों की संख्या भी काफी है. यहां पर साल 1961 से ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
पाकिस्तान में एक कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तीन तलाक को खत्म करने लिए नियम बनाए गए हैं. वहां तीन तलाक लेने के लिए पति को सरकारी संस्था चेयरमैन ऑफ यूनियन काउंसिल के पास नोटिस देता है. इसके 30 दिन बाद काउंसिल दोनों के बीच समझौते का प्रयास करती है. इसके बाद 90 दिनों तक इंतजार करते हैं. इस दौरान भी समझौता नहीं हुआ तो तलाक माना जाता है.
2. अल्जीरिया:
अफ्रीकी महाद्वीप के मुल्क अल्जीरिया में मुस्लिम आबादी करीब 3.47 करोड़ से ज्यादा है. यहां भी तीन तलाक़ पर बैन है. अगर कोई दंपति तलाक लेना चाहता है तो उसे कोर्ट की शरण में जाना होगा. कोर्ट पहले दोनों के बीच सुलह की कोशिश करेगा. इसके लिए तीन महीने का वक्त मिलता है. इसके बावजूद अगर सुलह नहीं होती है तो कोर्ट कानून के मुताबिक तलाक़ मिलेगा.
3. मिस्र:
7.70 करोड़ से ज्यादा की मुस्लिम आबादी वाला मिस्र पहला देश था. इसने साल 1929 में कानून-25 के जरिए घोषणा कि थी कि तीन बार कहने पर भी उसे एक ही माना जाएगा और इसे वापस लिया जा सकता है. सामान्य तौर पर जल्दी से जल्दी तलाक का यह तरीका होता है कि पति अपनी पत्नी से तीन अलग-अलग बार, जब मासिक चक्र न चल रहा हो. खास बात है कि तीन तलाक एक तीन स्तरीय प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप है. पहले तलाक के बाद लोगों को 90 दिन का इंतजार करना पड़ता है.
4. ट्यूनिशिया:
उत्तरी अफ्रीकी महाद्वीप के देश ट्यूनिशिया में मुस्लिम आबादी- करीब 1.09 करोड़ से ज्यादा है. यहां साल 1956 में तय कर दिया गया था कि तलाक़ की प्रक्रिया कोर्ट के जरिए होगी. इससे पहले कोर्ट दोनों पक्षों में सुलह के प्रयास भी करेगा.
5. बांग्लादेश:
भारत का पड़ोसी मुल्क और साल 1971 में आजाद हुए बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी करीब 13.44 करोड़ है. तीन तलाक़ बांग्लादेश में भी बैन है. 1971 से ही बांग्लादेश में ट्रिपल तलाक़ कोर्ट में मान्य नहीं है.
6. इंडोनेशिया:
दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में रहती है. यहां मुस्लिमों की कुल आबादी 20.91 करोड़ से ज्यादा है. इंडोनेशिया में मैरिज रेग्युलेशन एक्ट के आर्टिकल 19 के मुताबिक तलाक़ केवल कोर्ट के जरिए दिया जा सकता है. तीन तलाक़ यहां मान्य नहीं है.
7. श्रीलंका:
यहां सिर्फ 10 फीसदी मुस्लिम हैं. यहां के नियमों के मुताबिक, कोई मुस्लिम व्यक्ति पत्नी को तलाक देना चाहता है तो उसे मुस्लिम जज काजी को नोटिस देना होता है. इसके बाद जज के साथ-साथ दोनों परिवारों के सदस्य उन्हें समझाने का प्रयास करते हैं. इसके बाद भी समझौता नहीं होने पर नोटिस के 30 दिन बाद युवक पत्नी को तलाक दे सकता है. इसके लिए उसे एक मुस्लिम जज और दो गवाहों की भी जरूरत पड़ती है. यहां शादी और तलाक (मुस्लिम) कानून, 1951 जो 2006 में संशोधित हुआ था, जो कि तुरंत तलाक वाले किसी नियम को मान्यता नहीं देता.
8 . तुर्की:
यहां साल 1926 में स्विस सिविल कोड अपना लिया. यह यूरोप में सबसे प्रगतिशील और सुधारवादी कानून माना जाता है. इसके बाद तीन तलाक कानूनी प्रक्रिया के द्वारा ही लिया जा सकता है.
9. साइप्रस:
यहां मुस्लिम आबादी 2.64 लाख है. तीन तलाक कानूनी प्रक्रिया के द्वारा ही लिया जा सकता है.
10. इराक:
यहां तीन तलाक बोलने पर इसे एक ही तलाक माना जाता है. वहां पति-पत्नी दोनों को तलाक देने का हक है. इस दौरान अदालत झगड़े की वजह की जांच कर सकता है. इसके बाद अदालत सुलह के लिए दो लोगों की नियुक्ति कर सकता है, जिसके बाद वो खुद भी मध्यस्थता कर अंतिम निर्णय सुनाती है.
11. सूडान:
साल 1935 में कुछ प्रावधानों के साथ इस कानून को अपना लिया.
12. ट्यूनिशिया:
मलेशिया के सारावाक प्रांत में बिना जज के सलाह के पति एकतरफा तलाक नहीं दे सकता है. उसे अदालत को तलाक का कारण बताना होगा. वहां शादी राज्य और न्यायपालिका के अंतर्गत होता है.
13. ईरान
य़हां शिया कानूनों के तहत तीन तलाक को मान्यता नहीं दिया गया है.
14.संयुक्त अरब अमीरात, कतर, जॉर्डन ने भी तीन तलाक के मुद्दे पर तैमिया के विचार को स्वीकार कर लिया है.
15.सीरिया:
आबादी साल 2014 की जनगणना के मुताबिक, 74 फीसदी सुन्नी मुसलमान हैं. लेकिन यहां 1953 से ट्रिपल तलाक पर बैन लगा हुआ है|