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LIVE : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तीन तलाक असंवैधानिक

कही-सुनी

सुप्रीम कोर्ट का ये है ऐतिहासिक फैसला-

  • एक साथ तीन तलाक असंवैधानिक है और इसे तुरंत खत्म किया जाए.
  • इस्लामिक देशों में जब तीन तलाक खत्म हो चुका है तो आजाद भारत में इससे मुक्ति क्यों नहीं मिल पाई.
  • सरकार इसके संदर्भ में छह महीने के अंदर कानून बनाए.
  • अगर सरकार छह महीने के अंदर तीन तलाक खत्म करने के लिए ड्राफ्ट नहीं ला पाती है तो कानून बनने तक रोक जारी रहेगी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर सरकार इसे वैध मानती है तो रोक हट जाएगी.



  • सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) तीन तलाक की वैधानिकता पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाया. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर वाली पांच सदस्यीय पीठ ने ये फैसला सुनाया.

    हमारे न्‍यूज18इंडिया के संवाददाता की ओर से आ रही खबर के अनुसार, कोर्ट ने भले ही धर्म के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. लेकिन 5 में से 3 जजों ने कहा कि तीन तलाक असंवैैैधानिक है. साथ ही सरकार से कहा कि छह महीने में इस पर कानून लेकर आए.


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तीन तलाक मामले में एमिकस क्यूरी सलमान खुर्शीद ने कहा, ये बहुमत का फैसला है इसलिए अब सरकार को भेजने जी जो राय है वो अब रास्ता नहीं बचा.

सुब्रमण्यम स्वामी- वो दूरगामी है, बिना पढे ही उन्होने कह दिया, मैं फैसला पढ़कर ही कुछ कह पाऊँगा.

पाकिस्‍तान-सीरिया सहित इन देशों में बैन है तीन तलाक

सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की वैधानिकता पर मंगलवार को फैसला सुनाया. इस पीठ में प्रधान न्यायाधीश न्यायामूर्ति जेएस खेहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर शामिल थे.




सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों में से 3 जजों ने कहा, तीन तलाक असंवैधानिक है. जस्टिस नरीमन, ललित और कुरियन ने बाकी के दो जजों जस्टिस नजीर, चीफ जस्टिस खेहर का विरोध करते हुए कहा कि तीन तलाक असंवैधानिक है. कोर्ट ने कहा कि जब इस्लामिक देशों में तीन तलाक को खत्म कर दिया गया है तो आजाद भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सका.

बता दें कि मुस्लिम समाज में 1400 वर्षों से चली आ रही इस रस्म को ऑल इंडिया मुस्लमि पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी भयावह, गुनाह और अवांछनीय करार दिया है. कुरान और शरिया में भी इसकी इजाजत नहीं है.

इन देशों में बैन ही तीन तलाक

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