सुल्ताना की संघर्ष की कहानी हुई खत्म! नेशनल प्लेयर को सरकार ने दिया गिफ्ट

जानकारी प्रेरणादायक

 खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब वाली कहावत अब पुरानी हो चली है. अब बच्चे और बच्चियों खेल कूद कर अच्छी-अच्छी नौकरी प्राप्त कर रहे हैं. बिहार के आरा में एक ऐसी ही बेटी है, जो खुद की बदौलत आरा जैसे छोटे शहर से निकल कर भारत के कई राज्यों में बिहार का डंका बजा चुकी है. रग्बी गेम से भारत की कई टीमों को धूल चटा चुकी है. हम बात कर रहे हैं बिहियां प्रखंड के पिपरा जगिदश गांव के रहने वाली सुल्ताना बानो की. जिसके पिता बिहिया में एक गैरेज मेकैनिक है. आज भी पिता गैराज मेकैनिक का काम करते हैं. बेटी अब राज्य सरकार की सेवा में लग चुकी हैं.

बिहिया प्रखंड के पिपरा जगदीश की रहने वाले एमडी मो. मंजूर की 20 वर्षीय बेटी सुल्ताना बानो ने ना सिर्फ कई नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है, बल्कि गोल्ड और अन्य कई मेडल भी हासिल किए है. सबसे पहले 36वां नेशनल गेम में कांस्य जितने वाली सुलताना नेशनल अंदर 18 में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी है. अब इन मेडल के आधार पर बिहार सरकार ने सुल्ताना बानो को नौकरी देने का फैसला करते हुए खेल दिवस पर नाम का एनाउंस भी कर चुकी है. सुल्ताना बानो की खेल की शुरुआत काफी संघर्षों भरी रही है. सिदूर ग्रामीण इलाका की रहने वाली सुल्ताना को खेल के प्रति रुचि बचपन से थी. गांव के लड़कों को खेलते देख सुल्ताना भी तय कर चुकी थी कि खेल के बदौलत ही अपने करियर को संवारेगी. लेकिन खेलने निकली सुल्ताना को पहले घर में ही पिता से विरोध के समाना करना पड़ा. उसके बाद गांव और समाज का भी लेकिन किसी की एक ना सुनने वाली सुल्ताना गांव के आसपास के लड़कों के साथ रग्बी खेलना शुरू की और एक के बाद एक सफलता की सीढ़ी चढ़ती गई. सुल्ताना को देख दो बहनें भी नौकरी का तैयारी करने लगी और दोनों बहनें बीएसफ में नौकरी पा चुकी है.

 

सुल्ताना को सरकार ने दिया गिफ्ट
बिहार को नेशनल मेडल देने के बाद सरकार ने भी सुल्ताना को रिटर्न गिफ्ट दिया है. 1900 के पे ग्रेड पर सुल्ताना बानो को नौकरी तय की गई है. कुछ ही दिनों में सुल्ताना को नियुक्ति पत्र देने के लिए पटना बुलाया जायगा. सुल्ताना ने अपनी खुशी जाहिर की और बताया कि इसका श्रेय कुछ चुनिंदा लोगों को जाता है. पहले घर और गांव के लोग से ताना सुनने के बाद अब वही लोग तारीफ करने में भी पीछे नहीं रहते. इतना ही नहीं लड़कियों को मेरे जैसे बनने की सलाह भी ग्रामीण देते है और बोलते है फील्ड में जाओ कुछ खेलो. खेल कर आगे बढ़ो और सुल्ताना जैसा नाम कमाओ.

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