हाथी की जिद ने बनवा दिया बाबा बंशीधर मंदिर, ढाई हजार करोड़ की है राधा-कृष्ण की मूर्ति

जानकारी

नक्सलियों के असर वाले गढ़वा जिले के नगरऊंटारी में बाबा बंशीधर मंदिर है। इस मंदिर में सैकड़ों वर्ष पुरानी राधा-कृष्ण की मूर्ति है। यह प्रतिमा 1400 किलो सोने से बनी हुई है, जिसकी कीमत करीब 2500 करोड़ रुपए आंकी गई है। कहा जाता है कि एक हाथी की वजह से इस स्थान पर मंदिर की स्थापना की गई। मंदिर के प्रस्तर लेखों और पहले पुजारी दिवंगत सिद्धेश्वर तिवारी की लिखी किताब के मुताबिक, विक्रम संवत 1885 में नगरऊंटारी के महाराज भवानी सिंह की विधवा रानी शिवमानी कुंवर ने इस प्रतिमा को सपने में देखा था।

रानी ने एक बार जन्माष्टमी का व्रत किया था और उसी रात भगवान ने उन्हें दर्शन दिए। भगवान ने कहा कि कनहर नदी के किनारे शिवपहरी पहाड़ी में उनकी प्रतिमा जमीन के नीचे दबी पड़ी है। उसे राजधानी में ले आओ। इस सपने के बाद सुबह रानी अपनी सेना के साथ उस पहाड़ी पर गईं और पूजा-अर्चना के बाद उनके बताए गए स्थान पर खुदाई प्रारंभ हुई।

खुदाई के दौरान रानी को बंशीधर की अद्वितीय प्रतिमा मिली। इस प्रतिमा को हाथी पर रखकर नगरऊंटारी लाया गया। रानी इस प्रतिमा को अपने गढ़ में स्थापित करना चाहती थीं। पर गढ़ के मुख्य द्वार पर हाथी बैठ गया और लाख प्रयास के बाद भी वो वहां से नहीं उठा। रानी ने उसी स्थान पर प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनवाया। यहां प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने में एक महीने तक मेले का आयोजन भी होता है। मंदिर के पुजारी ब्रजकिशोर तिवारी के अनुसार, कुछ महीने पहले बीएचयू के जियोलॉजिकल विभाग के सर्वे में इस मूर्ति का बाजार मूल्य ढाई हजार करोड़ रुपए से अधिक आंका गया था।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *