पटना: हिंदू धर्म में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हो उसमें श्री गणेश को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। प्रत्येक शुभ कार्य में सर्वप्रथम पूजा भगवान गणेश की होती है। सनातन धर्म एवं हिंदू शास्त्रों में गणपति को विध्नहर्ता अर्थात सभी परेशानियों को खत्म करने वाले बताया गया है।
पुराणों में गणेश जी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली बताई गई है। बुधवार को गणेश जी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ सकता है और कार्यों में आ रही सभी तरह की रुकावटें जीवन से दूर हो जाती हैं। जब जीवन में हर तरफ दुख और संकट हो और निकलने का कोई मार्ग न मिले तो गौरी पुत्र गजानन की अराधना तुरंत फल देती है।
भगवान गणेश की सात्विक साधनाएं अत्यंत सरल एवं प्रभावी होती हैं। इनमें अधिक विधि-विधान की जरूरत भी नहीं होती केवल मन में भाव होने मात्र से गणपति अपने भक्तों को हर संकट से बाहर निकाल देते हैं। किसी भी शुभ कार्य के अारंभ में अगर श्री गणेश जी के कुछ मंत्रों का उच्चारण कर लिया जाए तो हर क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है।
तांत्रिक गायत्री मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।
वैसे तो इस तांत्रिक मंत्र की साधना के समय कुछ चीजों का बहुत ध्यान रखना पड़ता है लेकिन हर रोज सुबह महादेव, पार्वती और गणेश की पूजा के बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करने से व्यक्ति के समस्त दुख दूर होते हैं। इस मंत्र के प्रयोग के समय व्यक्ति को सात्विकता रखनी होती है और मांस, मदिरा, क्रोध, परस्त्री संबंधों से दूर रहना होता है।
गणेश कुबेर मंत्र
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा
यदि व्यक्ति पर अत्यंत भारी कर्जा हो जाए आए दिन आर्थिक परेशानी तंग करने लगे। तब गणेश जी की पूजा के बाद गणेश कुबेर मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति का कर्जा चुकना शुरू हो जाता है। धन के नए स्रोत्र बनने लगते हैं और भाग्य चमक उठता है।
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
इस गणेश मंत्र का प्रतिदिन शांत मन से 108 बार जाप करने से गणेश जा की कृपा होती है। लगातार 11 दिन तक इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के पूर्व कर्मों का बुरा फल खत्म हो जाता है और भाग्य उसका साथ देने लगता है।