बिहार में अब जमीन के संवेदनशील मामलों का भी हाेगा स्पीडी ट्रायल

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Patna: बिहार में ज़मीन से जुड़े मामलो की समस्या आम बात है आये दिन ज़मीन से जुड़े विवाद परिवार के बीच कलह का कारन बनते है साथ ही कई बार कई लोगो की जान भी ज़मीन से जुड़े मामले के कारण चली जाती है हालांकि बिहार सरकार ज़मीन से जुड़े मामलो का निबटारा करने की कोशिश में लगातार जुटी हुई नज़र आ रही है. इसी बीच बिहार में भूमि विवाद से जुड़े मामलो में हो रही बढौतरी साथ ही मामलो में हो रही बढौतरी के कारण हताहत होने के मामलो को देखते हुए राजस्व एवम भूमि सुधार विभाग ने एक और कदम बढ़ाया है जिसके तहत अब संवेदनशील ज़मीनी मामलों का ट्रायल आपराधिक मामलो के तर्ज पर स्पीडी तौर पर करने का निर्णय लिया गया है.

यानी की अब एक बात तो साफ़ है आने वाले दिनों में जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकता सूचि तैयार की जाएगी और सूचीबद्ध मामलो में अदालत से जल्द से जल्द फैसला देने का अनुरोध किया जायेगा. आपको बता दे सरकार ने जान लेने, बलवा आदि मामलों की समीक्षा में पाया था कि अधिकतर घटनाओं के पीछे जमीन विवाद हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए भूमि विवादों का जमीनी स्तर पर पता लगाने के लिए 534 अंचलों में तैनात चौकीदारों की जिम्मेदारी तय की गयी थी.ऐसा भूमि विवाद है, जिसके कारण हिंसा हो सकती है. शांति– व्यवस्था को खतरा है. गांवों में जमीन का विवाद कौन– कौन के बीच चल रहा है. उसकी लिखित सूचना अंचलाधिकारी को देनी होती है.

जिसके बाद अब राजस्व विभाग ने ख़ास तैयारी कर ली है जिसके तहत स्पीडी ट्रायल के योग्य विवादों की अब पहचान की जाएगी और राज्य भर में एक बार फिर आंकडो को जुटाया जायेगा. इसके साथ ही विभाग की यह भी कोशिश है कि अब बिहार में DCLR की मनमानियों पर अंकुश लगाया जाये, इसको रोकने के लिए ADM की कोर्ट को भी ऑनलाइन करने की तैयारी हो रही है, सरकारी आंकड़ो की माने तो फिलहाल बिहार में ज़मीन से जुड़े करीव दस हज़ार ऐसे मामलों को चिन्हित किया गया है जो कानून व्यवस्था के लिए आने वाले समय में खतरा साबित हो सकते है क्यूंकि आपको और हमे ये बात अच्छे से पता है कि जब बात ज़मीन जायदाद की आती है तो कौन अपना कौन पराया इस बात का अन्तर लोग भूल जाते है कई बार मामले इतने ज्यादा संगीन हो जाते है कि बात दुश्मनी से जान से हाथ धोने तक कब पहुच जाए ये कहना मुश्किल होता है.

यही कारण है कि राजस्व विभाग फिलहाल बेहद ही अतिसंवेदनशील मामलो पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा है इस बाबत चौकीदार और थाना की रिपोर्ट मांगी गई है रिपोर्ट के आधार पर मामलो को चिन्हित किया जाएगा, इतना ही नहीं इस काम में सभी डीएम की भी मदद ली जायगी इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम को एक पत्र जारी किया है और लिखा है कि बिहार में ऐसे मामले जो ज्यादा गंभीर है उनपर विशेष कार्यवाई की जाए.

इसको लेकर सरकार ने नई योजना भी बनायी है जिसके तहत भूमि से जुड़े विवादों को चार श्रेणियों में बांटा गया है जिसके तहत अंचल, अनुमंडल और जिला स्तर पर आने वाले मामलो की छटनी सबसे पहले की जाने की कोशिश की जा रही है साथ ही व्यक्तिगत भूमि विवाद, कोर्ट केस और विधि व्यवस्था को प्रभावित करने वाले विवाद अलग अलग श्रेणी में रखे जा रहे है.

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