एएसआई और हवलदार बनने से चूके सिपाहियों के लिए आखिरी मौका है। साल 2003 तक बहाल मैट्रिक और नॉन मैट्रिक सिपाहियों के लिए प्रमोशनल ट्रेनिंग कोर्स (पीटीसी) और सीनियर लीडरशिप कोर्स (एसएलसी) की आखिरी ट्रेनिंग का शिड्यूल जारी कर दिया गया है। करीब 18 साल पहले बिहार पुलिस में नियुक्त हुए सिपाहियों को इसके बाद पुरानी व्यवस्था के तहत प्रोन्नति का अवसर दोबारा नहीं मिलेगा।
पीटीसी और एसएलसी की ट्रेनिंग 802 सिपाहियों को दी जानी है। इसमें नन मैट्रिक पर बहाल 440 सिपाही भी शामिल हैं, जिन्हें सीनियर लीडरशीप कोर्स पूरा करना है। नॉन मैट्रिक सिपाही की पहली प्रोन्नति हवलदार में होती है और इसके लिए एसएलसी की ट्रेनिंग पास करना अनिवार्य है। वहीं प्रमोशनल ट्रेनिंग कोर्स वैसे सिपाहियों को करना होता है जो मैट्रिक पास होने के बाद सिपाही के पद पर नियुक्त हुए हैं। पीटीसी ट्रेनिंग के आखिरी प्रशिक्षण में 362 सिपाहियों को शामिल होना है।
प्रोन्नति पर हो रहा मंथन : साल 2004 से पहले बिहार पुलिस में सिपाही की बहाली मैट्रिक और नॉन मैट्रिक दोनों आधार पर होती थी। बाद में मैट्रिक पास होना अनिवार्य कर दिया गया। वर्तमान में सिपाहियों की नियुक्ति इंटर पास के आधार पर होती है। नन मैट्रिक वाले हवलदार और मैट्रिक पास वाले एएसआई बनने हैं। चूकि 2004 के बाद से नियुक्त सिपाही या तो मैट्रिक या फिर इंटर पास हैं, ऐसे में पुराने नियम के तहत प्रोन्नति दी जाती है तो सभी एएसआई होंगे। इससे हवलदार का पद ही समाप्त हो जाएगा। वहीं सभी को हवलदार में प्रोन्नत किया जाता है तो उतने पद नहीं है जितना होना चाहिए। यही वजह है कि पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग इसपर अभी मंथन कर रहा है।
1 जून से शुरू होगा प्रशिक्षण
मानव संसाधन विकास एवं प्रशिक्षण प्रभाग द्वारा पीटीसी व एसएलसी के आखिरी प्रशिक्षण का शिड्यूल जारी कर दिया है। दोनों ही प्रशिक्षण सीटीएस नाथनगर में होंगे। यह 1 जून से शुरू होगा। प्रशिक्षण 180 दिनों का होता है। वैसे सिपाही जो पूर्व के प्रशिक्षण पास नहीं कर पाए थे उनके लिए 6 सप्ताह का यह विशेष कोर्स रखा गया है।
डीजी ट्रेनिंग आलोक राज ने कहा, “2004 से पहले बहाल सिपाहियों की प्रोन्नति के लिए पीटीसी या एसएलसी की यह आखिरी ट्रेनिंग हैं। इसमें वैसे सभी सिपाहियों को बुलाया गया है जो ट्रेनिंग में शामिल नहीं हुए या फिर अनुत्तीर्ण हो गए थे।”