सोयाबीन से पर्यावरण बचा रही दीपशिखा, दिवाली पर बनाई खास मोमबत्ती, घंटों करेगी रोशनी

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आप प्रकृति प्रेमी और दिवाली भी मनाना चाहते हैं तो अब आपको कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. अब आप जी भर से कैंडल जला सकते हैं. इससे आपका घर और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रहेगा. क्योंकि इसका हल भागलपुर की दीपशिखा ने निकाला है. वह सोयाबीन के वेस्ट मेटेरियल व से मोमबत्ती तैयार करती है. जिसका डिमांड मार्केट में काफी है. यह मोमबत्ती आपको कई मिठाई के आकार में मिल जाएगी. इसमें कई प्रकार और डिजाइन उपलब्ध है. एक मोमबत्ती 12 घंटे तक जलेगी.

यहां से आया आइ़डिया
भागलपुर की दीपशिखा पर्यावरण को बचाने व अपने लोकल उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए मोमबत्ती तैयार कर रही है. यह मोमबत्ती सोयाबीन के वेस्ट मटेरियल से तैयार किया जा रहा है. दीपशिखा ने बताया कि पहले मैं घर में बैठी रहती थी. बैठे-बैठे मन नहीं लगता था. तभी मन में आइडिया आया की क्यों ना कुछ नया किया जाए. ताकी समय भी बर्बाद ना हो और नई चीज भी सीख लूं. तभी कोलकाता के एक ट्रेनर से इसकी ट्रेनिंग ली और मैं इसको बनाने लगी. इसमें तरह-तरह के डिजाइन को तैयार किया जा रहा है. ताकि अपने घरों को डेकोरेट कर पाएं.

लड्डू से लेकर बर्फी तक, सब जलेगा
दीपशिखा ने बताया कि लड्डू, चंद्रकला, बर्फी सहित तरह-तरह की मिठाई से मोमबत्ती को तैयार कर रही है. इसके साथ ही वो पानी वाला मोमबत्ती भी तैयार करने में लगी हुई है. उन्होंने बताया कि पेट्रोल के वेस्ट मटेरियल से इसके वैक्स को तैयार किया जाता है. हम लोग वैक्स मंगा कर नई-नई डिजाइन की मोमबत्ती को तैयार करते हैं. पानी वाली मोमबत्ती महज 60 रुपया में आपको मिल जाएगी. पूरे वैक्स की बनी मोमबत्ती आपको 120 रुपया में उपलब्ध हो जाएगी. जो 12 घंटे तक जलती रहेगी. अभी तक हम लोग इसको और भी कई डिजाइन में तैयार करेंगे.

पहली बार किया प्रयोग हुआ सफल
दीपशिखा ने बताया कि अभी तक भागलपुर से ही कई जगह से आर्डर आया है. उम्मीद है कि बाहर से भी ऑर्डर आएंगे. हम लोग पहली बार इस चीज को तैयार कर रहे हैं. इसको और भी आगे बढ़ाने के लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं. दीपशिखा ने बताया कि अभी तक सिर्फ इसमें जो लागत लगी है वो ऊपर हो जाती है. उसने बताया कि ये घर के सजावट के लिए काफी अच्छा है.

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