जब एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए सीएम नीतीश और तेजस्वी, जोड़ लिए हाथ

राजनीति

पटना: राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप अपनी जगह हैं और आपसी रिश्ते अपनी जगह, यही वजह है कि प्रतिदिन आप जिसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानकर उसपर आरोप लगाते हैं और वो ही अगर सामने पड़ जाए तो आपका क्या रिएक्शन होगा। इसकी एक बानगी सोमवार को बिहार के विधानपरिषद में देखने को मिली। जब नेता प्रतिपक्ष और सीएम नीतीश का एक-दूसरे से सामना हुआ तो दोनों ने एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिया और एक-दूसरे का अभिवादन करने के लिए हाथ जोड़ लिए।

दरअसल, बिहार विधानपरिषद के एनेक्सी भवन में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, राबड़ी देवी सहित 10 नवनिर्वाचित विधानपरिषद के सदस्यों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण के लिए आए मुख्यमंत्री का सामना अचानक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से हुआ तो दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए।

तेजस्वी से ज्यादा मुस्कान थी नीतीश के चेहरे पर

यह देखकर आस-पास के लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान तैरने लगी और सबने एक दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन किया। पार्टी और राजनीतिक दूरियां अपनी जगह हैं लेकिन शिष्टाचार की यह मिसाल अखबारों की सुर्खियां बनीं। हालांकि तस्वीर में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव से ज्यादा मुस्कुरा रहे हैं।

शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन  विधानपरिषद के एनेक्सी भवन में किया गया था, जहां विधानपरिषद के उपसभापति हारुन रशीद ने सभी नवनिर्वाचित विधानपार्षदों को बारी-बारी से पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अपनी मां राबड़ी देवी के शपथ ग्रहण समारोह में तेजस्वी भी उनके साथ विधानपरिषद आए थे।

नव निर्वाचित विधान पार्षदों में जदयू के दो, भाजपा और कांग्रेस से एक-एक नेता पहली बार विधानपरिषद सदस्य के रूप में शपथ ली जबकि नीतीश कुमार, सुशील मोदी एवं राबड़ी ने तीसरी बार और रामचंद्र पूर्वे की यह चौथी पारी शुरू हुई। अन्य सभी छह सदस्य पहली बार विधानपरिषद के सदस्य पद की शपथ ली।

इसमें संजय पासवान, प्रेमचंद मिश्रा, रामेश्वर महतो, खालिद अनवर, खुर्शीद मोहसिन और संतोष सुमन शामिल हैं। एक विधायक वाली जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा को पहली बार परिषद में इंट्री मिली है।

विधानपरिषद में अब दलों की स्थिति
जदयू : 32
भाजपा : 22
राजद :  09
कांग्रेस : 03
भाकपा : 02
लोजपा : 02
रालोसपा : 01
हम : 01
निर्दलीय : 03

नव निर्वाचित विधानपार्षद
जदयू : नीतीश कुमार, रामेश्वर महतो एवं खालिद अनवर
भाजपा : सुशील मोदी, मंगल पांडेय और संजय पासवान
राजद : राबड़ी देवी, रामचंद्र पूर्वे, सैयद खुर्शीद मोहसिन
कांग्रेस : प्रेमचंद मिश्रा
हम : संतोष सुमन

परिषद में अब नहीं दिखेंगे
जदयू के संजय सिंह, उपेंद्र प्रसाद, चंदेश्वर चंद्रवंशी, राजकिशोर कुशवाहा एवं भाजपा के लालबाबू प्रसाद अब विधानपरिषद में नहीं दिखेंगे। भाजपा के सत्येंद्र नारायण सिंह का निधन हो गया है, जबकि दल-बदल के कारण जदयू के नरेंद्र सिंह की सदस्यता पहले ही खत्म हो गई थी।

राबड़ी बनीं नेता प्रतिपक्ष 
75 सदस्यों वाले उच्च सदन में विभिन्न दलों की संख्या प्रभावित होगी। सत्ताधारी दल जदयू परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। जदयू के 32 और भाजपा के 22 सदस्य होंगे। 80 विधायकों वाली पार्टी राजद का परिषद में तीसरा स्थान होगा।
अब नौ सदस्यों के बूते राबड़ी देवी के परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अशोक चौधरी के साथ चार सदस्यों के दल बदल के कारण कांग्रेस के सिर्फ दो सदस्य ही बच गए थे। अब उनके तीन सदस्य हो गए हैं।

 

शपथ लेने नहीं पहुंचे मंगल पांडेय
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में व्यस्त रहने के कारण स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंच पाए। भाजपा ने मंगल पांडेय को कर्नाटक विस चुनाव में 35 विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंप रखी है।महत्वपूर्ण यह है कि यह दूसरा मौका है जब मंगल पांडेय पार्टी के काम को लेकर व्यस्तता के कारण शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंच पाए। इससे पहले वह हिमाचल चुनाव में व्यस्त होने के कारण मंत्री पद के लिए आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भी तय समय पर नहीं पहुंच पाए थे।

मैथिली और उर्दू में शपथ
कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्र और भाजपा के संजय पासवान ने मैथिली में, जबकि जदयू के खालिद अनवर ने उर्दू में शपथ ली। राजद के सैयद खुर्शीद मोहसिन समेत अन्य सात विधानपार्षदों ने हिंदी में शपथ ग्रहण किया।

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