अचानक पानी से बाहर आया बना बनाया शिव मंदिर, अंदर जाकर देखा तो लोगों के उड़ गए होश

कही-सुनी

पटना: हमारे देश में कई ऐसी रहस्यमयी जगह हैं जो इंसान के लिए किसी अजूबे से कम नहीं। नर्मदा डेम का जल स्तर लगातार घट रहा है। ऐसे में नदी के भीतर स्थित ऐतिहासिक हांफेश्वर मंदिर बाहर आ गया है। अब मंदिर का गर्भ गृह का दरवाजा भी दिखाई देने से भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है।

नर्मदा नदी गुजरात की जीवन रेखा है। भीषण गर्मी के कारण इसका पानी सूखने लगा है। दिनों-दिन इसका जलस्तर कम हो रहा है। इससे सरकार ही नहीं आम आदमी भी चिंतित है। ऐसे में ऐतिहासिक शिवमंदिर अब दिखाई देने लगा है। इससे शिवभक्तों में अपार खुशी है। लोग दूर-दूर से यहां दर्शन के लिए आने लगे हैँ। नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर डेम बनने के बाद कवांट तहसील में स्थित हांफेश्वर मंदिर पूरी तरह से डूब गया था। अब 18 साल बाद यह मंदिर फिर दिखाई देने लगा है। नर्मदा माता के बारे में कहा जाता है कि उसके पेट में जितने भी कंकड़ हैं, वे सभी शंकर हैं।

जितने गांवों से वह गुजरती है, वह सभी तीर्थ स्थल। तीर्थों की हारमाला वाले पवित्र रेवा तट पर गुजरात का पहला तीर्थ किसे माना जाए, यह सवाल मन में सहजता के साथ ही उठता है। इसका जवाब यही है कि छोटा उदेपुर जिले के कवांट तहसील का हांफेश्वर। गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित यह स्थान नर्मदा की परिक्रमा करने वालों के लिए विश्रामस्थली है।

हांफेश्वर इस गांव का नाम है, जहां शिवालय में कलहंसेश्वर महादेव विराजमान हैं। कहा जाता है कि ऋषि मार्केंडेय ने यहां कलहंसशेश्वर के रूप में शिव की प्रागट्य कथा युधिष्ठिर को सुनाई थी।

इस कथा के अनुसार जगत का यदि वैभव चाहिए, तो तुरंत ही मिल जाएगा, किंतु उस महातपस्वी ने केवल शंकर भगवान के दर्शन की इच्छा व्यक्त की। आखिर में देवराज के आशीर्वाद से महादेव ने कलहंस को दर्शन दिया। ऋषि ने शंकर भगवान के सामने यह इच्छा व्यक्त की कि आपके भक्तों को यहां सदैव आपकी अनुभूति हो। इसके चलते कलहंसशेश्वर शिव का यह धाम अस्तित्व में आया। यह धारणा है कि यहां पूजन-अर्चन, दान, होेम-हवन करने वालोें की मनोकामना पूर्ण होती है।

Source: live news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *