बरसात में अगर कचरी का नाम सुन लें तो मूंह में पानी आ जाता है. ऐसे में वह कुरकुरे फ्राई वाली हो तो सोने पर सुहागा. हम बात कर रहे हैं दरभंगा के प्रमोद महतो की दुकान की. प्रमोद बीते 25 साल से कचरी की दुकान चला रहे हैं. इनकी दुकान नईयाम चौक पर है. लोग इनकी कुरकुरे कचरी के दीवाने हैं. आज इस महंगाई में भी वह 10 रुपये में 8 कचरी लोगों को खिला रहें हैं.
प्रमोद का कहना है कि इस कचरी में 12 मसालों का स्वाद मिलता है. साथ ही कुरकुरे फ्राई भी. जिस वजह से लोगों की काफी भीड़ उनकी दुकान पर जुड़ती है. बताते चले कि प्रमोद दोनों पैरों से दिव्यांग है. इसके बावजूद भी यह बहुत ही शालीनता के साथ अपनी दुकान को चलाते हैं. इस कचरी की दुकान से चार बच्चों के साथ अपने पूरे परिवार का भरण पोषण भी प्रमोद करते हैं. प्रमोद ने बताया कि प्रतिदिन हजार रुपए तक की आमदनी इस कचरी से हो जाती है. आसपास के दर्जनों गांव और पंचायत के लोग शाम के वक्त उनके दुकान पर स्वाद चखते हैं.
कचरी के बारे में प्रमोद बताते हैं कि शुद्ध चना के बेसन से सुपर कचरी हम बनाते हैं. जिससे फार्च्यून के तेल का इस्तेमाल करते हैं. इस कचरी के दुकान से 4 बच्चों और पूरे परिवार का भरण पोषण हमारा होता है. प्रतिदिन हजारों पीस कचरी तैयार करते हैं. इस कचरी में 12 मसालों को मिलाते हैं. यही कारण है कि आसपास के दर्जनों गांव के लोग यहां कचरी का स्वाद लेने रोजाना पहुंचते हैं.