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सिमरियाधाम में महाकुंभ का ध्वजारोहण कर उद्‌घाटन करने पहुंचे सीएम नीतीश

आस्था खबरें बिहार की

आदिकुंभ स्थली सिमरिया धाम में महाकुंभ का उद्घाटन करने 1400 वर्ष पहले राजा हर्षवर्धन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को आएंगे। 14 सौ वर्षों बाद सिमरिया की धरती पर महाकुंभ का आयोजन बिहार सहित मिथिला, अंग, मगध की संगम स्थली सिमरिया धाम के लिए एक बार फिर से मील का पत्थर साबित होगा।

वर्ष 2011 में अर्धकुंभ के सफल आयोजन के बाद वर्ष 2017 में आयोजित महाकुंभ को संत, समाज और सरकार के सहयोग से आयोजित कर फिर से सिमरिया धाम के इतिहास को लिखे जाने की एक कारगर कोशिश है।

स्वामी चिदात्मन जी महाराज और कुंभ सेवा समिति सहित तमाम सन्तों, बुद्धिजीवियों को इस आयोजन के लगातार किए जा रहे प्रयास का सुखद परिणाम मंगलवार की सुबह को मिलेगा। शायद यह प्रयास सिमरिया धाम को आने वाले दिनों में हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक महाकुंभ की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देगा।

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वर्ष 2008 में जब कल्पवास मेले को राजकीय मेला का दर्जा दिया गया था

सिमरियाघाट में लगने वाले कल्पवास मेला से लेकर सिमरिया धाम में आयोजित हो रहे महाकुंभ के इस सफर में नीतीश कुमार पहले मुख्यमंत्री होंगे जो इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने रहे हैं।

वर्ष 2008 में जब कल्पवास मेले को राजकीय मेला का दर्जा दिया गया तब से लेकर अब तक मेला का उद्घाटन करने कभी-कभी मंत्री ही आते रहे।

समारोह की शुरुआत दिन के 11 बजे से हो जाएगी। मुख्यमंत्री कुंभ ध्वज परिसर में कुंभ ध्वजारोहण के उपरांत भारत माता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही धर्म मंच पर जाएंगे। डी एरिया में प्रवेश वर्जित रहेगा।

इस अवसर पर डीडीसी कंचन कपूर, सदर एसडीओ जर्नादन कुमार, एएसपी मिथिलेश कुमार, ट्रैफिक डीएसपी शशि रंजन कुमार, तेघड़ा डीएसपी बी के सिंह, बखरी डीएसपी सोनू कुमार रॉय , बरौनी इंस्पेक्टर गजेन्द्र कुमार सिंह, जीरोमाइल इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, चकिया ओपी प्रभारी राज रतन, एफसीआई ओपी प्रभारी शैलेश कुमार मौजूद थे।

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सिमरिया कुंभ का इतिहास : सिमरियाकुंभ का इतिहास बताता है कि राजा हर्षवर्धन ने 7 वीं शताब्दी के आसपास इसी रास्ते से उड़ीसा तक जीत की यात्रा में निकले थे। पुलकेशिन द्वितीय से हार के बाद प्रयाग में 75 दिन का वास कर कुंभ की शुरुआत की थी। इसके बाद हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और कालांतर में नासिक में कुंभ की शुरुआत की गई।

इसी कड़ी में देश के 12 स्थलों पर कुंभ की शुरुआत की गई थी। जिसमें हरिद्वार-उज्जैन, बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारिका, नासिक, सिमरिया, रामेश्वरम, कुरुक्षेत्र, गंगासागर, प्रयाग, कुंभकोन्नम, ब्रह्मपुत्र में होता रहा था।

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समय, प्रकृति और परिस्थिति के कारण सिमरिया में महाकुंभ की परंपरा धीरे-धीरे समाप्त हो गयी, लेकिन उसका एक रूप सिमरिया कल्पवास जो निरंतर प्रतिवर्ष सिमरिया घाट की धरती पर होता रहा है। इसी महाकुंभ को फिर से संत, समाज और सरकार द्वारा जागृत किया जा रहा है।

 

तुलार्क महाकुंभ के ध्वजारोहण कार्यक्रम में शिरकत करने रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन को लेकर जिला प्रशासन, कुंभ सेवा समिति, कुंभ तदर्थ समिति एवं सर्वमंगला समिति के द्वारा जोरदार स्वागत की तैयारी पूरी कर ली गई है।

मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर बेगूसराय डीएम मो. नौशाद यूसुफ, एसपी आदित्य कुमार, कुंभ सेवा समिति के महासचिव रजनीश कुमार, अध्यक्ष डॉ. नलिनी रंजन सिंह, संयोजक संजय कुमार, उपाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह अमर, भूमिपाल राय द्वारा अंतिम निरीक्षण किया गया।

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