किशनगंज जिला नेपाल और बांग्लादेश से सटा हुआ है। जिला व इसके आसपास के रास्ते घुसपैठियों के कारण चर्चा में रहते हैं। अब घुसपैठियों को अवैध रूप से सीमा के अंदद प्रवेश कराने वाले लोग चिंता का कारण बन रहे हैं।
सीमा क्षेत्र में सक्रिय गिरोह घुसपैठियों की सहायता करने के बदले मोटी रमक वसूलता है। सीमा पर पकड़े जाने से बचने के लिए इनकी नकली प्रमाण-पत्र बनाने में भी मदद करता है। सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों व जांच विभाग के अधिकारियों द्वारा घुसपैठियों व उनके मददगारों को कई बार पकड़ा भी गया है।
गिरोह में शामिल होते हैं भारत और नेपाल के लोग
इस गिरोह में शामिल लोग भारत व नेपाल के इलाके के होते हैं। इन्हें सीमा पर की गतिविधियों व रास्तों की जानकारी होती है। बांग्लादेश से भारत में प्रवेश कराने के लिए भी भारत एवं बांग्लादेश सीमा से सटे गांवों के लोग ऐसे गिरोह में जुड़े होते हैं।
ये लोग घुसपैठियों को उनके ठिकाने तक पहुंचने में भी मदद करता है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला है कि 10-15 हजार रुपये सीमा पार कराने का शुल्क वसूला जाता है। किस रास्ते से कब सीमा पार होना है और पकड़े जाने पर जांच के दौरान चकमा देने के लिए क्या दस्तावेज दिखाना है, यह मददगार तय कर रखता है।
केस स्टडी एक: किशनगंज से सटे बंगाल के पानीटंकी बार्डर पर एसएसबी 41वीं बटालियन ने 15 अप्रैल, 2023 को एक बांग्लादेशी नागरिक मुहम्मद मोसेदूर रहमान को सीमा पार करते हुए पकड़ा गया था। भारतीय युवक एकरामुल हक उसकी मदद कर रहा था। उसे फर्जी आधार कार्ड और कोविड प्रमाण पत्र दिखाकर आंख जांच के नाम पर नेपाल घुसने के दौरान पकड़ा गया था।
केस स्टडी दो: पानीटंकी बार्डर पर एसएसबी 41वीं बटालियन द्वारा 14 सितंबर, 2021 को एक चीनी नागरिक चोइजो वेसर को अवैध रूप से नेपाल जाने के दौरान गिरफ्तार किया था। उसके मददगार के रूप में सिलीगुड़ी प्रधाननगर निवासी पेमा भूटिया को भी गिरफ्तार किया गया था।
केस स्टडी तीन: बांग्लादेश सीमा पर पिछले वर्ष बीएसएफ की छठी वाहिनी ने दो बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया था। इस दौरान उसका भारतीय सहयोगी जलपाईगुड़ी निवासी माधव दास भी पकड़ा गया था। वह दोनों बांग्लादेशी नागरिकों को सिलीगुड़ी पहुंचाने जा रहा था। मामले में पकड़े गए दो बांग्लादेशी और एक मददगार को पूछताछ के बाद बीएसएफ ने बंगाल के कुचलीबारी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया था।
एसएसबी 41वीं बटालियन रानीडांगा के द्वितीय सेनानायक नवीन कुमार का कहना है कि-
अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों पर सीमा पर तैनात जवानों की नजर है। सीमा पर तैनात जवान पूरी तरह चौकसी बरतते हैं। घुसपैठियों को मदद करने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। सीमा पर आने-जाने वाले सभी लोगों के दस्तावेज की जांच कर उन्हें आवाजाही करने दी जाती है।