पटना: दीपावली पर अयोध्या में सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल रामनाईक समेत करीब एक लाख साधु-संत अयोध्या में पहुंचे हैं। राम कथा पार्क, सरयू घाट और साकेत विद्यालय से लेकर साढ़े तीन किलो मीटर में पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इसके लिए सरयू के तीन किलोमीटर एरिया को 1 लाख 71 हजार दीपों से रोशन किया गया। 9 लाइटिंग द्वार और 9 घाट को भव्य सजाया गया है
-राम कथा पार्क में एलईडी की स्क्रीन में 35-35 मिनट इंडोनेशिया, थाईलैंड और श्रीलंका की रामायण का मंचन होगा।
-राम घाट पार्क से लेकर सरयू घाट तक के बीच सिर्फ 9 लाइटिंग द्वार बनाया गया है। नागेश्वर नाथ घाट, लक्ष्मण घाट, वैदेही घाट समेत 9 घाट को लाइटिंग से सजाया गया है।
-छोटी दीपावली की एक रात पहले अधिकतर लोग अयोध्या देखने आ रहे हैं।
-हर साल की तरह इस बार भी दीपावली है, लेकिन इस बार की खास है, क्योंकि सीएम-राज्यपाल भी आ रहे हैं।
-राम घाट के पास रहने वाले प्रवीण सिंह ने बताया, मेरी उम्र 50 साल की हो गई, लेकिन ऐसा बार देख रहा हूं।
-20 साल के अमरीश पांडेय बताते हैं कि ऐसा हर बार होना चाहिए, बहुत अच्छा लगा रहा। विदेशी सैलानी भी आए हैं अद्भुत दीपावली देखने
-इस बार अयोध्या के घाट पर कई विदेशी सैलानी देखने को मिले जो अपने इंडियन फ्रेंड के साथ घूम रहे थे।
-फ्रांस से आए एक सैलानी मैथी, मैं पहली बार आई हूं मैन कभी ऐसा डेकोरेशन देखा नहीं था।
-लाइटिंग और दीप भी सजे है मैं छोटी दीपावली की रात को जरूर आऊंगी।
राम कथा पार्क -अयोध्या में श्रीराम का जन्म स्थान होने के कारण साल भर हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
-राम कथा पार्क को शहर में भीड़ को कम करने व धर्मशाला में लोगों का जामावड़ा हटाने के लिए बनाया गया था।
-यह काफी सुंदर है। यहां काफी जगह है और व्यवस्थित पार्क भी है, जहां कई लोगों के एकत्रित होने की व्यवस्था है।
-यहां अयोध्या की काफी भीड़ इक्ट्ठा हो सकती है। इस पार्क में ओपन एयर थियेटर यानि मैदान में थियेटर की व्यवस्था है, जहां कई प्रकार के सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों का आयोजन आसानी से किया जा सकता है।
-इस पार्क में हमेशा जनता प्रवचन, शास्त्र और अन्य धार्मिक गतिविधियां गाने-बजाने के साथ चलती रहती हैं।
-यह स्थल बाहरी कलाकारों को अवसर प्रदान करता है कि वह वहां जाएं और अपनी प्रतिभा जैसे थियेटर, गायन, वादन आदि का प्रदर्शन करें। यह जगह स्थानीय और नवोदित कलाकारों, दोनों को समान अवसर प्रदान करती है।
-यह पार्क हर उम्र के व्यक्ति के लिए एक लोकप्रिय स्थल है, जहां आकर वह अपना वीकेंड मना सकते हैं और शाम को यहां बैठकर धार्मिक माहौल का आन्नद उठा सकते हैं।
-कहा जाता है कि नागेश्वर नाथ मंदिर को भगवान राम ने बनवाया था। माना जाता है जब कुश सरयू नदी में नहा रहे थे तो उनका बाजूबंद खो गया था। बाजूबंद एक नाग कन्या को मिला, जिसे कुश से प्रेम हो गया, वह शिवभक्त थी। कुश ने उसके लिए यह मंदिर बनवाया था।
-कहा जाता है कि यही एकमात्र मंदिर है जो विक्रमादित्य के काल में सुरक्षित रहा, जबकि बाकी शहर खंडहर में तब्दील हो चुका था।
-इसका अर्थ यह हुआ कि यह मंदिर अयोध्या में विक्रमादित्य द्वारा खोजा गया, शिवरात्रि पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।