कभी पटना साहिब लोकसभा सीट से दो बार भाजपा से सांसद रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा अब कांग्रेस का साथ छोड़ जल्द ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. सिन्हा के नजदीकी सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि सिन्हा के 21 जुलाई को शहीद दिवस कार्यक्रम में तृणमूल में शामिल होने की संभावना है. हाल ही में नरेंद्र मोदी के समर्थन में हिंदी में किए गए उनके एक ट्वीट के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि वे भाजपा में ‘घर वापसी’ भी कर सकते हैं.
कोलकाता में तृणमूल नेताओं के एक समूह का कहना है कि वह इस संबंध में सिन्हा से बातचीत कर रहे हैं और बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा के संबंध बनर्जी के साथ हमेशा से ही बेहतर रहे हैं. कहा जा रहा है की शत्रुघ्न सिन्हा के 21 जुलाई को TMC में शामिल होने के बाद उन्हें ममता बनर्जी राज्य सभा भेज सकती हैं.
‘बिहारी बाबू’ के नाम से प्रसिद्ध सिन्हा ने हाल में संपन्न हुए बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘वास्तविक रॉयल बंगाल टाइगर’ कहा था. टीएमसी नेताओं ने कहा कि अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा के हमेशा ममता बनर्जी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि सिन्हा 21 जुलाई को शहीद दिवस समारोह में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. ‘बिहारी बाबू’ के नाम से विख्यात सिन्हा ने ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘असली रॉयल बंगाल टाइगर’ और ‘एक आजमाया हुआ और परखा हुआ नेता, जिसने हाल ही में संपन्न बंगाल चुनावों में प्रचार और ‘धनशक्ति’ को रौंद डाला’, बताया है.
पटना साहिब लोकसभा सीट से दो बार के भाजपा सांसद रह चुके सिन्हा कांग्रेस में शामिल हो गए थे और 2019 के लोकसभा चुनाव में उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतरे थे, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
सिन्हा ने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थन में हिन्दी में एक ट्वीट किया था, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में ‘घर वापसी’ कर सकते हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनका झुकाव तृणमूल कांग्रेस की ओर अधिक है, जिसने हाल में बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को धूल चटाई है. ममता बनर्जी को 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है.
सिन्हा से इस संबंध में जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ कहने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि ‘राजनीति संभावनाएं तलाशने की एक कला है.’